अलगाववादी नेता ‘मसर्रत आलम’ को मिली जमानत, बारामूला जेल से जल्द होंगे रिहा

जम्मू -कश्मीर। अलगाववादी नेता और कश्मीर में मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मसर्रत आलम को कोर्ट ने जमानत दे दी है। श्रीनगर के सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत ने आज अलगाववादी नेता मसरत आलम पब्लिक सेफ्टी को खारिज करते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। बता दे 17 अप्रेल 2015 को पुलिस ने मसर्रत आलम को हुर्रियत कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी के त्राल चलो की कॉल से पहले 17 अप्रैल को घर से गिरफ्तार किया था।

मसरत आलम भट्ट को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने मसर्रत पर लगे पब्लिक सेफ्टी एक्ट को खारिज कर दिया था। फिलहाल मसर्रत आलम बारामूला जेल में बंद हैं।

मसर्रत के वकील शब्बीर अहमद बट ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मसर्रत आलम के लिए 17 अप्रैल को बेल एप्लीकेशन दी गई थी, जिस पर पुलिस को 20 अप्रैल को रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन वह नहीं कर पाई। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो सकी।

उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस ने अदालत के निर्देश पर मसर्रत आलम पर दर्ज मामले से संबंधित पूरी केस डायरी अदालत में जमा करने के साथ ही उसकी जमानत पर अपने एतराज भी जमा कर दिए। शब्बीर ने बताया कि अब इसको लेकर बहस होनी है।

मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि “आज अदालत ने मसरत आलम को जमानत दे दी है और अब जल्द ही जमानत के कागजात जेल में जमा कराकर उनकी रिहाई करा ली जाएगी।”