अलाहदा रियासत तेलंगाना मसले पर बाएं बाज़ू में फूट

बाएं बाज़ू की पार्टीयां आज तेलंगाना मसले पर फूट का शिकार होगईं।

कमीयूनिस्ट पार्टी आफ़ इंडिया (मारकससट) और आर एस पी ने तशकील तेलंगाना की मुख़ालिफ़त की जबकि सी पी आई और फ़ारवर्ड बलॉक ने ताईद की लेकिन तमाम बाएं बाज़ू की पार्टीयां चाहती थीं कि आंध्रा प्रदेश के अवाम हुकूमत के इस फ़ैसले के पस-ए-मंज़र में ख़ैरसिगाली और हम आहंगी बरक़रार रखें।

फ़ारवर्ड बलॉक ने अलाहदा रियासत विदर भा की तशकील का भी मांग‌ किया और कहा कि तमाम ज़ेर-ए-इलतिवा मुतालबों पर जो छोटी रियास्तों के बारे में हैं, क़तई फ़ैसला करने के लिए दूसरी रियास्ती तंज़ीम जदीद कमेटी क़ायम की जाय।

सी पी आई (ऐम) के पोलीट ब्यूरो ने अपने एक बयान में कहा कि तेलंगाना की तशकील का फ़ैसला ऐसा मालूम होता है कि आइन्दा लोक सभा इंतिख़ाबात के पेशे नज़र किया गया है लेकिन इस फ़ैसले से दीगर मुक़ामात पर अलाहदा रियास्तों के मांग‌ में जोर‌ होगी।

सी पी आई (ऐम) तलंगाना के मुतालिबा की मुख़ालिफ़त करती आरही है। बयान में कहा गया है कि सी पी आई (ऐम) हमेशा लिसानी रियास्तों के जमहूरी वसूल की बुनियाद पर रियास्तों की यकजहती की ताईद में रही है। सी पी आई (ऐम) के जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करात इसे पहले कह चुके हैं कि तेलंगाना को रियासत का दर्जा देने से मुल्क के दीगर इलाक़ों में भी ऐसे मुतालिबात में शिद्दत पैदा होजाएगी।

मर्कज़ी हुकूमत को इस बात की ज़िम्मेदारी लेना चाहिए कि मग़रिबी बंगाल या किसी और रियासत में मज़ीद तक़सीम नहीं होगी। उन्होंने वाज़ह कर दिया कि रियासत की तक़सीम और नई रियास्तों की तशकील नहीं करना है। सी पी आई के क़ौमी सेक्रेटरी डी राजा ने इस फ़ैसले को ताख़ीर से क्या हुआ फ़ैसला क़रार दिया और कहा कि तमाम की जामि राय के हुसूल और गहरे ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के बाद सी पी आई ने अलाहदा रियासत तेलंगाना की ताईद की है।

ताहम कहा कि अवाम को भाईयों की तरह रहना चाहिए और आपस में किसी दुश्मनी या तल्ख़ी के एहसास को पैदा ना होने देना चाहिए।