अलीगढ़: झगड़े को भाजपा के साम्प्रदायिक रंग देने से छात्राओं में उबाल, लोकल मीडिया की भूमिका संदिग्ध

अलीगढ़। भारतीय जनता पार्टी मारपीट के एक मामले को अलग रंग देने की कोशिश में है। पहले तो इसके नेताओं ने आरोपियों को पुलिस की गिरफ्त से छुड़वाया और अब छात्राओं को आगे कर पीड़ितों के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। इस खेल में उनका साथ कुछ लोकल मीडिया वाले भी दे रहे हैं।
अलीगढ़ में छोटे-छोटे झगड़ों को साम्प्रदायिक रंग देने का खेल लंबे समय से चल रहा है। इसमें लोकल मीडिया के कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जाती है। दलित से जुड़े एक मामले को हवा देने में ऐसे पत्रकारों का अहम रोल था। अलीगढ़ से प्रकाशित एक संपादक, जो खुद को वामपंथी विचारधारा का पोषक बताते हैं, हिन्दू-मुस्लिम मामलों को हवा देने में अव्वल हैं। ऐसे पत्रकारों की शाज़िश के चलते ही अब मारपीट की एक मामूली घटना को नया रूप दे दिया गया है।

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पूरी घटना यूँ है। कुछ दिनों पहले धर्मसमाज महाविद्यालय के गेट पर सपा छात्र सभा के महानगर अध्यक्ष मुन्तजिम किदवई की पिटाई कर दी गई थी। इसपर उन्होंने भाजपा कार्यकर्ता संजू बजाज सहित कई लोगों के खिलाफ गांधी पार्क थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया। आरोप है कि पैरवी कर भाजपा सांसद ने उन्हें छुड़वा दिया। इसकी शिकायत करने जब सपा विधायक और पार्टी के जिला तथा महानगर के पदाधिकारी एसएसपी से मिले तो भाजपाइयों ने मामले को नया ही मोड़ दे दिया। उनका का आरोप है कि सपाई क्लास में घुस कर छात्राओं से छेड़खानी कर रहे थे। अगर ऐसा है तो वे उस वक्त वहां क्या कर रहे थे ? यह अहम सवाल उनसे कोई नहीं पूछ रहा है। इस सवाल को लोकल मीडिया भी नहीं उठा रहा है। इसके उलट अख़बारों में इसे बढ़ा चढ़ा कर छापा जा रहा है। भाजपा की शह पर छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं। सपा नेताओं की गिरफ़्तारी को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। गुरुवार को रामघाट रोड स्थित नाहर सिंह इंटर कालेज के गेट पर
छात्राओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा आरोपी सपा छात्र नेताओं के विरुद्व कार्रवाई की मांग की।।दुर्गेश कुमारी, नंदनी चौधरी ने चेतावनी दी है कि समय रहते आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगी।

यूपी से मलिक असग़र हाशमी