अलीगढ़: हंसल मेहता की विवाद्स्प्त फिल्म “अलीगढ़” शुक्रवार को उत्तर परदेश में एक बड़े लेवल में रिलीज़ हुई है, लेकिन अलीगढ़ की मेयर शकुन्तला भारती ने इसका विरोध करते हुए मीडिया से बात करते हुए कहा की क्यूँ फिल्म का नाम अलीगढ़ रखा गया? यह शहर को बदनाम कने की साजिश है, हम किसी कीमत पर भी यह फिल्म नहीं चलने देंगे इस शहर में फिल्म पर बैन लगायी जाये.
गौर तलब है कि AMU के कुछ छात्र संगठन ने इसका कथित तौर पर विरोध किया है और शहर में फिल्म हॉल में लगाने का विरोध किया है, क्यूंकि इस फिल्म में अलीगढ़ और AMU को एक नकारत्मक परकाश में AMU का कथित चित्रण किया है वहां इस की असहजता के लिए दो कारण है, एक तो फिल्म AMU के प्रोफेसर डॉक्टर श्रीनिवास रामचन्द्र जो समलैंगिक होने के जुर्म में 7 साल पहले AMU अफसर द्वारा ससपेंड कर दिए गए थे. उनही की जीवन पर आधारित है जिस में अदाकारी मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव ने किया है.
फ़रवरी २००९ में यह मामला पेश आया था जिस में प्रोफेसर डॉक्टर श्रीनिवास रामचन्द्र को एक रिक्शा चालाक के साथ समलैंगिक संबंध होने का आरोपी पाया गया था.
MBMC ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद को एक ज्ञापन सौंपा। संगठन ने इनका कड़ा विरोध जताया है और फिल्म का नाम बदलने को कहा है .