लखनऊ, २३ दिसम्बर (एजैंसीज़) साइना नहवाल की यक़ीनन अपनी मर्ज़ी हुआ करती हैं। लेकिन बाअज़ औक़ात वो बिलाशुबा अपना ज़हन बनाने में तवक़्क़ो से ज़्यादा वक़्त लेती हैं। इस बार फ़ैसला साज़ी में ताख़ीर सायना को $250 महंगी पड़ गई।
चहारशंबा की दोपहर को साइना ज़रीया परवाज़ शहर से बाहर निकल गईं जबकि उन्हें टूर्नामेंट डायरेक्टर को अपने फ़ैसले से मतला किए बमुश्किल दो घंटे हुए थे कि वो जारीया सय्यद मोदी मैमोरियल ग्रांड परी गोल्ड बैडमिंटन चमपन शिप से फ़लू और सर्दी की बिना दस्तबरदार हो रही हैं।
सायना की फ़रस्ट राउंड की हरीफ़ चाइनीज़ ताइपी की एच सयाउ मा पई को इस दसतबरदारी से वाक़िफ़ कराने के फ़ौरी बाद नैशनल कोच पी गोपी चंद ने बरसर मौक़ा प्रैस कान्फ़्रैंस मुनाक़िद करते हुए ताज़ा तबदीलीयों पर रोशनी डाली।
गोपी चंद ने वज़ाहत की, साइना ने यहां खेलने केलिए अपनी बेहतरीन सुई की, लेकिन खेल ना सकें। वो माज़ी क़रीब में काफ़ी मसरूफ़ रही हैं। और उन्हें जनवरी के इबतिदाई पिंदर हो उड़ा में कोरिया और मलेशीया ओपन में खेलना है। गुज़शता हफ़्ते दुनिया की बाअज़ बेहतरीन खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ सख़्त मुक़ाबले खेलने के बाद साइना ज़ाहिर है काफ़ी थकन महसूस कर रही हैं ।
यहां आमद के बाद साइना ने एक डाक्टर से मश्वरा किया जिन्हों ने उन्हें तीन रोज़ा आराम की सलाह दी। किसी इंजरी को मज़ीद बढ़ाने में कोई दानिशमंदी नहीं है। दिलचस्प अमर है कि इस माह के अवाइल साइना ने आर्गेनाईज़र को मकतूब तहरीर करते हुए इस ईवंट में ना खेलने की अपनी ख़ाहिश का इज़हार किया था।
वो आख़िर-ए-कार चीन में वर्ल्ड सीरीज़ फाइनल्स से वापसी के बाद यहां बराह नई दिल्ली आएं । उन्हों ने मंगल की शाम इफ़्तिताही तक़रीब के दौरान शिरकत की और चहारशंबा की सुबह भी नज़र आएं, यहां तक कि दोपहर में हैदराबाद की फ़लाईट पकड़ कर रवाना हो गईं।
इस हक़ीक़त के पेशे नज़र कि सदर बैडमिंटन एसोसीएसन आफ़ इंडिया अखिलेश दास गुप्ता और सैक्रेटरी वजए सिन्हा इसी शहर से ताल्लुक़ रखते हैं, साइना पर यहां खेलने केलिए दबाव् था लेकिन बरवक़्त सर्दी और फ़लू ने ऐसा लगता है साइना और मेज़बान दोनों केलिए सूरत-ए-हाल को बचा लिया।