अलैर एनकाउंटर के एक साल बाद भी तहक़ीक़ात ना-मुकम्मिल

हैदराबाद 05 अप्रैल: इन्साफ़ रसानी के अमल में की जाने वाली ताख़ीर दरहक़ीक़त इन्साफ़ से महरूम करने के बराबर होती है। आलैर एनकाउंटर का एक साल मुकम्मिल होने को है लेकिन 5 ज़ेर दरयाफ़त मुस्लिम क़ैदीयों की मौत की तहक़ीक़ात में कोई पेशरफ़त होती नज़र नहीं आरही है। इस सिलसिले में ना हुकूमत को दिलचस्पी है और ना ही मस्लहतपसंद क़ियादत कोई दिलचस्पी ले रही है।

मरहूम नौजवानों के विरसा ताहाल इन्साफ़ के लिए दरबदर के ठोकरें खाने पर मजबूर है। वाज़िह रहे कि 7 अप्रैल साल 2015 में 5 ज़ेर दरयाफ़त मुस्लिम नौजवान को वर्ंगल सेंट्रल जेल से हैदराबाद कोर्ट को मुंतकली के दौरान नलगेंडा के आलैर विलेज में एनकाउंटर में हलाक कर दिया गया था।

एनकाउंटर के वक़्त नौजवान बेड़ियों में जकड़े हुए थे और पुलिस पार्टी ने नौजवानों पर पुलिस तहवील से फ़रार होने और हथियार छीने का बहाना बनाकर उन्हें हलाक कर दिया था। एनकाउंटर में पुलिस के तरीका-ए-कार पर सवालिया निशान उठाए गए थे और महलूक नौजवानों के वालिदैन ने इस एनकाउंटर को सफ़ाकाना क़त्ल क़रार दिया था।

हुकूमत तेलंगाना ने 13 अप्रैल 2015 एनकाउंटर की तहक़ीक़ात का एलान करते हुए सीनियर आईपीएस ओहदेदार इंस्पेक्टर जनरल आफ़ पुलिस (पर्सोनल ) के ज़ेरे क़ियादत स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ( एस आई टी ) तशकील देने का फ़ैसला करते हुए इस मुआमले की तहक़ीक़ात का हुक्म दिया था। हुकूमत ने एस आई टी में खम्मम के मौजूदा सुपरिन्टेन्डेन्ट आफ़ पुलिस शाहनवाज़ क़ासिम , डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट आफ़ पुलिस इंटेलिजेंस एम दयानंद रेड्डी, अस्सिटेंट कमिशनर आफ़ पुलिस माधापूर एम रमना कुमार , टास्क फ़ोर्स इंस्पेक्टर एल राजा वेंकट रेड्डी और इंस्पेक्टर हुमायूँनगर एस रवींद्र को भी इस टीम में शामिल किया था।

बावसूक़ ज़राए ने बताया कि एसआईटी ने इस केस में कुछ ख़ास पेशरफ़त नहीं की है क्युंकि इस टीम के अरकान मुख़्तलिफ़ वजूहात के सबब तहक़ीक़ात में मुबय्यना तौर पर दिलचस्पी का मुज़ाहरा किया है।