अलैहदा रियासत केलिए दूसरे तर्ज़ का एहतिजाज मुनज़्ज़म करने नौजवानों को मश्वरा

हैदराबाद।28नवंबर, ( सियासत न्यूज़ ) नौजवान ख़ुदकुशी की बजाय अलहदा रियासत के हुसूल केलिए दूसरे तर्ज़ का एहतिजाज करें क्योंकि तलबा-की ख़ुदकुशी ना सिर्फ उन के ख़ानदानों केलिए नुक़्सान का बाइस है बल्कि जिस रियासत केलिए वो अपनी जान क़ुर्बान कररहे हैं इस रियासत केलिए भी ये बात ठीक नहीं है।

साबिक़ जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने आज तेलंगाना साईकिया ट्रक सोसाइटी की जानिब से मुनाक़िदा समीनार से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्हों ने समाजी तंज़ीमों, अवाम और ग़ैर सरकारी इदारों से अपील की कि वो नौजवानों में अलहदा रियासत के लिए फ़रोग़ पारहे ख़ुदकुशी के रुजहान को दूर करने केलिए आगे आएं। उन्हों ने बतायाकि ख़ुदकुशी के ज़रीया मसला का हल तलाश किया जाना दरुस्त नहीं है। जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि अलहदा रियासत के हुसूल केलिए ख़ुदकुशी के बजाय साईनटफ़क तरीका-ए-कार इख़तियार करते हुए नौजवान एहतिजाज करसकते हैं।

उन्हों ने नौजवानों की ख़ुदकुशी के वाक़ियात के तदारुक केलिए सयासी क़ाइदीन को मुतहर्रिक होने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि सयासी क़ाइदीन के झूटे वाअदे और हुकूमत की जानिब से अलहदा रियासत की तशकील में ताख़ीर के सबब तलबा-ए-में मायूसी पैदा होरही है। उन्हों ने ग़ैर सरकारी तंज़ीमों-ओ-इदारों से ख़ाहिश की कि वो तलबा से मायूसी को दूर करने केलिए उन की कौंसलिंग का आग़ाज़ करें और उन में शऊर बेदार करें कि इन की जानें रियासत तेलंगाना केलिए किस क़दर एहमीयत की हामिल हैं।

इस मौक़ा पर रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल मिस्टर चुका रामिया, प्रोफ़ैसर ए गोपाल किशन, तेलंगाना कुआर्डीनेशन कमेटी चेयरमैन डाक्टर के भाग्य रेड्डी सदर तेलंगाना साईकिया ट्रक सोसाइटी के इलावा साबिक़ वाइस चांसलर प्रोफ़ैसर जी श्याम सुंदर और दीगर मौजूद थे। जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि ख़ुदकुशी वाक़ियात के ज़रीया क़ौमी सतह पर ग़लत तास्सुर पेश करने के मुर्तक़िब बन रहे हैं। उन्हों ने बताया कि इस तरह के वाक़ियात से मलिक के मुस्तक़बिल बिलख़सूस आइन्दा नसल पर पड़ने वाले मनफ़ी असरात का तलबा-ए-को अंदाज़ा करना चाहिये। उन्हों ने बताया कि तलबा-ए-की ख़ुदकुशी ना सिर्फ उन का अपना नुक़्सान है बल्कि एक काबिल तालिब-ए-इल्म की मौत समाज के लिए नुक़्सान का बाइस बन सकती है।

जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने बतायाकि तहरीक तेलंगाना के दौरान नौजवानों में बढ़ते हुए ख़ुदकुशी के रुजहान से अवाम में बेचैनी पैदा होरही है जिसे दूर करने की ज़रूरत है। उन्हों ने तलबा-ए-को मश्वरा दिया कि वो ज़िंदा रहते हुए अपने मक़सद के हुसूल केलिए जद्द-ओ-जहद करें जिस का उन्हें दस्तूर में भी हक़ हासिल है। रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल चुका रामिया ने 1969-ए-की तहरीक तेलंगाना के हवाले से बताया कि 1969-ए-में एक भी नौजवान ने तहरीक से मायूसी का इज़हार नहीं किया था लेकिन 2009-ए-ता 2011-ए-तहरीक में शामिल नौजवानों ने जो मायूसी का इज़हार किया है इस की अहम वजह पुलिस और हुकूमत की जानिब से मंसूबा बंद अंदाज़ में तहरीक को कुचलने की कोशिशें हैं।

मिस्टर चुका रामिया ने बताया कि रियास्ती हुकूमत सिरी कृष्णा कमेटी के खु़फ़ीया बाब में मौजूद सिफ़ारिशात पर अमल आवरी के ज़रीया तहरीक को कमज़ोर करने की कोशिश कररही है। उन्हों ने 1969-ता 2011-के दौरान हुए इनकाउनटरस और ख़ुदकुशी वाक़ियात की खुली तहक़ीक़ात का मुतालिबा करते हुए कहा कि अलहदा रियासत तेलंगाना तहरीक में हुकूमत ने अपनी ताक़त का बेजा इस्तिमाल किया है। उन्हों ने इल्ज़ाम आइद किया हुकूमत तहरीक तेलंगाना से जमहूरी अंदाज़ में निमटने से नाकाम होचुकी है।सदर नशीन तेलंगाना कुआर्डीनेशन कमेटी प्रोफ़ैसर ए गोपाल किशन ने इस मौक़ा पर ख़िताब के दौरान बताया कि 700से ज़ाइद नौजवान ताहाल अलहदा रियासत तेलंगाना की तशकील का मुतालिबा करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्हों ने बताया कि हुकूमत की जानिब से इख़तियार करदा ख़ामोशी और सर्द मोहरी के सबब 700 अफ़राद ने हुकूमत को झंझोड़ने केलिए अपनी जान दे दी लेकिन इस के बावजूद भी हुकूमत पर इस का कोई असर नहीं हुआ।नौजवानों में फ़रोग़ पारहे हुसूल तेलंगाना केलिए ख़ुदकुशी करने के रुजहान को ख़तम करने केलिए मुनाक़िदा इस समीनार को डाक्टर के भाग्य रेड्डी, प्रोफ़ैसर जी शाम सुंदर, डाक्टर पी रग्घू राम रेड्डी के इलावा मिस्टर पी वीनकटीशोरराव और डाक्टर डी केशव राव ने मुख़ातब किया।