अल्पसंख्यक की पहचान हमेशा बुरे काम से होती है : जावेद अख्तर

गीतकार जावेद अख्तर ने शुक्रवार को कहा कि हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया में बहुसंख्यक समुदाय का कोई आदमी बुरा काम करता है तो यह नहीं कहा जाता है कि यह हर जगह होता है। उसको व्यक्ति और समूह से जोड़ दिया जाता है। जबकि अल्पसंख्यक समुदाय में कोई समूह गलत काम करे तो उसे पूरे समुदाय से जोड़कर देखा जाता है।

रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में शुक्रवार को ‘बट यू डोंट लुक लाइक ए मुस्लिम’ पुस्तक के विमोजन के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे जावेद अख्तर ने यह बात कही। पुस्तक विमोचन के दौरान मुस्लिम समुदाय की पहचान के विषय पर चर्चा के दौरान अख्तर ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय के लोगों की पहचान उनके अच्छे लोगों से की जाती है। जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की पहचान सबसे खराब पहचान रखने वाले लोगों से होती है। हिंदुस्तान में 14-15 करोड़ मुसलमान होंगे। कश्मीर में गड़बड़ी करने वालों की संख्या 10-12 हजार होगी।

इससे ज्यादा संख्या तो देश में बच्चों के साथ छेड़छाड़ करने वालों की होगी। क्या राष्ट्र की पहचान इन छेड़छाड़ करने वालों से होगी। अगर 15 करोड़ में ऐसे 10 आदमी पागल निकल जाए तो यह पूरे समुदाय की जिम्मेदारी नहीं हो जाती है। वहीं ‘बट यू डोंट लुक लाइक ए मुस्लिम’ पुस्तक की लेखिका रक्षंदा जलील ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ने के विषय पर यह पुस्तक आधारित है।