अल्पसंख्यक बच्चों को विदेश में पढाई करने के लिए 20 लाख रुपये तक का मिल सकता है लोन

नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के तहत स्थापित राष्ट्रीय विकास और वित्तीय निगम यानी एन एम डी एफ सी अल्पसंख्यकों के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आसान शर्तों पर लोन की विभिन्न योजनाएं चला रहा है जिसके पर्याप्त परिणाम सामने आ रहे हैं।

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एन एम डी एफ सी के डाइरेकटर शाहबाज अली ने बताया कि एजुकेशन लोन के तहत उनका संगठन देश में तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम के पूरा होने के लिए 15 लाख रुपये तक का लोन देता है जबकि विदेश जाकर शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को 20 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाता है। यह लोन मात्र 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाता है और पढ़ाई पूरी होने पर पांच साल की आसान किश्तों पर यह राशि वापस की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा ऋण के तहत क्रेडिट लाइन। 2 के तहत देश में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्र-छात्राओं को 20 लाख और विदेशों में पढ़ने वाले बच्चों को 30 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। क्रेडिट लाइन के तहत महिलाओं को 3 प्रतिशत की छूट दी जाती है। श्री शाहबाज अली ने बताया कि केंद्र सरकार के संस्थागत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्तीय निगम की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आसान शर्तों पर लोन प्रदान करके उनने बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्ति का रास्ता आसान बनाने के साथ ही उन्हें अपना रोजगार खुद करने के लिए भी लोन उपलब्ध कराना है। ताकि वे इससे लाभ प्राप्त करके समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्होंने बताया कि छोटे रोजगार शुरू करने के लिए एन एम डी एफ सी एक लाख रुपये तक का ऋण देता है जो वार्षिक 7 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। इसी तरह मार्केटिंग करने की सहायक स्कीम के तहत कारीगरों और कलाकारों को विभिन्न प्रदर्शनियों में अपनी कला के नमूनों को बेचने के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिसमें भाग लेने के लिए कारीगरों और कलाकारों को व्यंजन का खर्च भी दिया जाता है।