दहशतगर्द तंज़ीम जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद ने तंज़ीम पर अमेरिका की ओर से यी गयी पाबंदियों को खारिज कर दिया है। हाफिज सईद ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि अफगानिस्तान में हिंदुस्तान की मदद हासिल करने के लिए अमेरिका जमात-उद-दावा को निशाना बना रहा है।
अमेरिका का कहना है कि जमात-उद-दावा दहशतगर्द तंज़ीम लश्कर ए तैयबा का ही नया चेहरा है। अमेरिका ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम ऐलान किया है। हाफिज सईद लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा के चीफ है। अमेरिका की ओर से ऐलानिया इनाम के बावजूद हाफिज सईद पाकिस्तान के लाहौर में खुले आम घूम रहा है। उसने कहा कि अमेरिका ने जमात-उद-दावा पर पाबंदी हिंदुस्तान के कहने पर लगाया है।
इंटरव्यू में सईद ने कहा कि अमेरिका हमेशा हिंदुस्तान की हिदायतो पर फैसला लेता है। अब वह नयी पाबंदी इसलिए लगा रहा है क्योंकि उसे अफगानिस्तान में हिंदुस्तान की मदद चाहिए। मुंबई हमले से मेरा कोई लेना देना नहीं है। पाकिस्तान की अदालतें कह चुकी है कि मेरे खिलाफ हिंदुस्तान के सबूत सिर्फ झूठी तश्हीर है।
मेरे सिर पर रखे गए 10 मिलियन डॉलर के इनाम की कोई परवाह नहीं है। पाकिस्तान के लोग मुझे जानते हैं और मुझे प्यार करते हैं। इनाम के लिए किसी ने अमेरिकी ओहदेदारो से अभी तक राबिता नहीं किया है। मेरे किरदार बहुत साफ सुथरे है।
अल्लाह मेरी हिफाज़त कर रहा है। जब बीबीसी नामानिगारो ने हाफिज सईद से पूछा कि क्या वह हिंदपाकिस्तान-पाकिस्तान के ताल्लुकात में रुकावट है तो उसने कहा कि कश्मीर से ध्यान भटकाने के लिए हिंदुस्तान ने मुझे मुद्दा बनाया है। कश्मीर ही असल मुद्दा है। कश्मीर आज़ाद होना चाहिए।
हिंदुस्तान को कश्मीर में कब्जा करके बैठे अपने हजारों फौजियो को वापस बुलाना चाहिए। कश्मीरियों को अपने किस्मत का फैसला करने देना चाहिए। हम अच्छे ताल्लुकात में रुकावट नहीं है।