हैदराबाद २३अप्रैल: अल्लाह के एहसानात-ओ-मुक़ाम के बाद अगर किसी का मुक़ाम है तो वो माँ बाप का मुक़ाम है। मौजूदा मुआशरा में ज़ईफ़ माँ बाप से हुस्न-ए-सुलूक तर्क करने का रुजहान आम होता जा रहा है। माँ बाप की फ़रमांबर्दारी करने वाला दुनिया-ओ-आख़िरत में सुर्ख़रु होता है। अल्लाह ताला फ़रमाता है कि माँ बाप के साथ एहसान करो। इन ख़्यालात का इज़हार मौलाना मुहम्मद यूसुफ़ पीरज़ादा (ख़तीब मस्जिद फ़ैसल सालिम । मानसा हुब्ब टैंक) ने आज यूनीवर्सल एज्यूकेशन ऐंड वेलफेयर सोसाइटी के ज़ेर-ए-एहतिमाम महमूद गुलशन फंक्शन हाल (बहादुर पूरा) मैं मुनाक़िदा जलसा तफ़सीर क़ुरआन मजीद से अपने ख़ुसूसी ख़िताब के दौरान किया।
उन्हों ने कहा कि अल्लाह के साथ किसी भी शए को शरीक करने वाले पर जन्नत हराम कर दी गई और ये गुनाह कबीरा है। अल्लाह तबारक-ओ-ताला वाहिद, यकता-ओ-तन्हा है। बेबुनियाद चीज़ों पर अक़ीदा रखना हराम है। इबतदा-ए-में दाई जलसा अबदुर्रहीम ख़ान सदर सोसाइटी ने मेहमानों का खैरमक़दम किया और आख़िर में शुक्रिया अदा किया। जनाब अबदुल हलीम ख़ान ने जलसा की कार्रवाई चलाई। इस मौक़ा पर मुस्लमानों की कसीर तादाद मौजूद थी। ख़वातीन के लिए पर्दा का अलैहदा नज़म रखा गया था।