अल्लाह के हुक्म के ख़िलाफ़ बिल मंजूर नहीं: सुल्तान मोहम्मद साद अबुबकर

अबुजा: नाइजीरिया के सबसे वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु ने नए लैंगिक समानता विधेयक को खारिज कर दिया है. इस विधेयक में पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार देने की बात है. सोकोतो के सुल्तान मोहम्मद साद अबुबकर ने कहा कि इस्लामिक नियम के मुताबिक़ पुरुषों को जो अधिक अधिकार दिए गए हैं, उनमें दखा अंदाजी स्वीकार नहीं करेंगे.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

BBC के अनुसार, नाइजीरिया के सबसे वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु ने नए लैंगिक समानता विधेयक को खारिज कर दिया है. हालांकि नाइजीरिया के मुख्य ईसाई समूह ने इस विधेयक का स्वागत किया है. उनके मुताबिक ईसाई धर्म में दोनों को समान अधिकार मिले हैं.
अक्तूबर में ईसाई असोसिएशन ऑफ़ नाइजीरिया ने कहा था कि उन्हें इस विधेयक में कुछ भी ग़लत नहीं दिख रहा है कि क्योंकि उनके धर्म में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी समान हक मिला हुआ है. नाइजीरिया में महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को आगे बढ़ाया था. नाइजीरियाई समाज में धर्म की जड़ें गहरीं है. यहां ईसाई और मुसलमान दोनों समान रूप से हैं.
नाइजीरियाई सांसदों का कहना है कि वे इस पर आख़िरी फ़ैसला लेने से पहले लोगों की राय जानेंगे.
नाइजीरिया के उत्तरी ज़ामफारा स्टेट में कुरान की व्याख्या समारोह के दौरान सुल्तान ने कहा, ”हमारा धर्म ही जीवन जीने की पूरी राह है. अल्लाह ने हमें जो करने की अनुमति दी है उसमें कोई बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, ”इस्लाम शांतिपूर्ण धर्म है. हम लोग ईसाइयों के साथ मिलजुलकर रहते हैं. इसके साथ अन्य धर्मावलंबी भी मिलकर रहते हैं. ऐसे में हमें अपने धर्म के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.’
मार्च महीने में नाइजीरियाई सीनेट ने इसी तरह के एक विधेयक को खारिज करते हुए कहा गया था कि यह नाइजीरियाई संस्कृति और धार्मिक आस्था के लिहाज से ठीक नहीं है.