मिस्र के एक अदालत ने इख़्वानुल मुस्लिमीन की मुआवनत के इल्ज़ाम में अल-जज़ीरा चैनल से वाबस्ता तीन सहाफ़ीयों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की दोबारा समाअत के बाद फ़ैसला ताख़ीर का शिकार हो गया है।
जुमेरात को अदालत ने दोबारा समाअत के बाद फ़ैसला सुनाना था लेकिन अदालत का हुक्काम का कहना है कि फ़ैसला आज नहीं सुनाया जाएगा। मिस्री नज़ाद कैनेडा के शहरी मुहम्मद फ़हमी, ऑस्ट्रेलवी सहाफ़ी पीटर ग्रीस्टा और मुहम्मद को सन 2014 में दस, दस साल तक सज़ा सुनाई गई थी।
अल-जज़ीरा चैनल ने फ़ैसले की ताख़ीर पर शदीद ग़ुस्से का इज़हार किया है। तीनों सहाफ़ी रवां साल फरवरी में ज़मानत पर रहा हुए थे। ऑस्ट्रेलवी सहाफ़ी पीटर ग्रीस्टा रिहाई पाने के बाद मुल्क छोड़ चुके हैं ताहम अदालत ने बाक़ी दोनों के मुल्क छोड़ने पर पाबंदी लगाई है।