अल-बारादेई मिस्र के नए उबूरी वज़ीरे आज़म

क़ाहिरा,7 जुलाई: ( ए एफ पी ) मिस्र में नए सदर ने माज़ूल सदर के एक मुख़ालिफ़ लीडर मुहम्मद अल बारादेई को मुल्क का नया उबूरी वज़ीरे आज़म मुक़र्रर कर दिया है और उन्होंने सेक्युरिटी ओहदेदारों से मुल्क में अमन-ओ-अमान की बहाली पर बात चीत का भी आग़ाज़ कर दिया है ।

कहा गया है कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के जौहरी तवानाई इदारा के साबिक़ सरबराह मुहम्मद अल बारादेई को आज ही वज़ीरे आज़म की हैसियत से हलफ़ दिलाया गया है । फ़ौज की जानिब से सदर मुंतख़ब किए जाने के बाद अल बारादेई मंसूर के ये पहले इक्दामात हैं ताहम मुहम्मद अल बारादेई के तक़र्रुर से मुहम्मद मुर्सी के हामियों की मुख़ालिफ़त में इज़ाफ़ा हो सकता है जिन्होंने सारे क़ाहिरा शहर में एहतिजाज जारी रखा हुआ है और उन्होंने ऐलान किया है कि मुहम्मद मुर्सी की बहाली तक वो अपनी जद्द-ओ-जहद जारी रखेंगे ।

मिस्र में कल शाम से ही पुरतशद्दुद झड़पों का आग़ाज़ हो गया था जिनके नतीजा में जुमला 36 अफ़राद हलाक हुए हैं और मज़ीद तशद्दुद के अंदेशे भी मुस्तरद नहीं किए जा सकते । मौजूदा हालात में मुतहारिब ग्रुप्स के माबेन किसी तरह की बात चीत के इम्कानात भी दिखाई नहीं देते ।

मुहम्मद मुर्सी की अलहैदिगी के लिए मुहिम चलाने वाले ग्रुप ने सदर अल बारादेई से बात चीत के बाद मुर्सी के तक़र्रुर का ऐलान किया और कहा कि हफ़्ते ही को किसी वक़्त अल बारादेई को वज़ीरे आज़म की हैसियत से हलफ़ दिलाया जाएगा। सरकारी ख़बररसां इदारे मीना ने कहा कि मुहम्मद अल बारादेई पहले ही से उबूरी सदर से बात चीत में मसरूफ़ थे ।

फ़ौज के साथ मुंतक़ली इक्तेदार की बातचीत में मुहम्मद अल बारादेई मुर्सी की मुख़ालिफ़ तहरीक की नुमाइंदगी करेंगे । मुहम्मद अल बारादेई ने साबिक़ में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जौहरी तवानाई इदारा में काम किया था और इन्हे 2005 में अमन का नोबल इनाम हासिल हुआ था ।

वो 2010 में मिस्र वापस हुए थे और उस वक़्त के हुकमरान हसनी मुबारक के ख़िलाफ़ वो एक ताक़तवर लीडर बन कर उभरे थे । कहा गया है कि अल बारादेई के तक़र्रुर से भी मुहम्मद मुर्सी के हामी अपने एहतिजाज में शिद्दत पैदा कर सकते हैं। सदर मंसूर की जानिब से आज ही उन्हें हलफ़ दिलाया जा रहा है । असल अपोज़ीशन नेशनल सॉल्वेशन फ्रंट के ख़ालिद दाउद ने ये बात बताई । कहा गया है कि चूँकि मिस्र के नए सदर जो दस्तूरी अदालत के चीफ जस्टिस भी हैं बेन अल-अक़वामी हलक़ों में ज़्यादा शौहरत नहीं रखते इसी लिए उन्होंने आलमी सतह पर पहचान रखने वाले मुहम्मद अल-बारादेई को वज़ीऱेए आज़म मुक़र्रर किया है ताकि वो अमेरीका और दीगर मग़रिबी हलीफ़ों के साथ मिल कर काम कर सकें।

क़ब्ल अज़ीं अदले मंसूर ने फ़ौजी सरबराह और वज़ीर दाख़िला के साथ बात चीत भी ताकि मुल्क में तशद्दुद पर क़ाबू पाते हुए हालात को मामूल पर लाया जा सके । तीन दिन क़ब्ल इक्तेदार से बेदखली के बाद से मुहम्मद मुर्सी हनूज़ किसी नामालूम मुक़ाम पर नज़रबंद रखे गए हैं।

एहतिजाजियों का कहना है कि वो मुहम्मद मुर्सी की बहाली तक जद्द-ओ-जहद करने और शहादत के लिए तैयार हैं। कल रात से हुई झड़पों में मरने वालों की तादाद 35 तक पहूंच गई है ।