अवद याफ़ई का बयान कलमबंद करने इजाज़त की तलबी

आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट की तरफ से इब्राहीम बिन यूनुस याफ़ई क़त्ल केस तहकीकात अंदरून 90 दिन मुकम्मल करने के अहकामात के पेश नज़र चंदरायन गुट्टा पुलिस ने 7 वीं एडीशनल मेट्रोपोलैटिन सेशन जज कि मीटिंग पर एक दरख़ास्त दाख़िल की जिस में दरख़ास्त गुज़ार अवद बिन यूनुस याफ़ई का बयान कलमबंद करने की इजाज़त तलब की है।

26 नवंबर को जस्टिस के सी भानू ने चंदरायन गुट्टा पुलिस को क्राईम नंबर 313/2012 (इब्राहीम याफ़ई क़तल केस) में रुकन असेंबली चंदरायन गुट्टा अकबर उद्दीन उवेसी , रुकन असेंबली मलक पेट अहमद बालाला, गनमैन जानी मियां और कारपोरेटर मंसूर अवल‌क़ी के ख़िलाफ़ तहकीकात मुकम्मल करते हुए क़तई रिपोर्ट अंदरून तीन माह अदालत में दाख़िल करने की हिदायत दी थी।

अदलिया के अहकाम हुसूल होने के बाद चंदरायन गुटटा पुलिस हरकत में आते हुए सातवें एडीशनल मेट्रो पोलीटन सेशन जज कि मीटिंग पर एक दरख़ास्त दाख़िल करते हुए क़तल केस में दरख़ास्त गुज़ार मक़्तूल के भाई अवद बिन यूनुस याफ़ई का बयान कलमबंद करने की इजाज़त तलब की है और अदालत ने इस दरख़ास्त की समाअत 20 दिसमबर को तय‌ की है।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उल-मारूफ़ मुहम्मद पहलवान और दुसरे अफ़राद ख़ानदान की ज़मानत मंसूख़ होने पर उन्हें मज़कूरा जज ने अदालती तहवील में देदिया था।

चंदरायन गुट्टा पुलिस इब्राहीम याफ़ई क़तल केस की तहकीकात का आग़ाज़ करने के लिए अदालती तहवील में मौजूद अवद याफ़ई का कलमबंद करना चाहती है ताके इस केस से मुताल्लिक़ मज़ीद कार्रवाई की जा सके। वाज़िह रहे कि 30 अप्रैल 2011 को इब्राहीम याफ़ई गोली लगने के बाद हलाक होगए थे और इस सिलसिले में मक़्तूल के भाई ने रुकन असेंबली चंदरायन गुट्टा अकबर उद्दीन उवेसी पर क़तल का इल्ज़ाम आइद करते हुए मुक़द्दमा दर्ज किराया था।