आंधरा प्रदेश में हुक्मराँ पार्टी के बाअज़ क़ाइदीन को हर फ़ैसला ख़ुद करने अपने आप को क़ानून, अख्लाक़ीयात और अवामी मुफ़ादात के मुग़ाइर काम करने में ही मज़ा आ रहा है। ख़ुद को सब से बालातर समझने वाले क़ाइदीन को अवामी मसाएल की समाअत या उन मसाएल की जानिब तवज्जा दिलाने वाले अपोज़ीशन क़ाइदीन की बातें भी बुरी लग रही हैं।
सदर तेलगुदेशम चंद्रा बाबू नायडू ने हुक्मराँ कांग्रेस के ज़िम्मेदार क़ाइदीन की शराब माफ़िया के साथ पाए जाने वाले गठजोड़ के ख़िलाफ़ एहतिजाज शुरू किया और बेनामी लाईसेंसों के ज़रीया शराब के कारोबार को पानी की तरह फैलाते हुए अवामी मुफ़ादात को नुक़्सान पहुंचाने पर सदाए एहतिजाज बुलंद किया तो इस एहतिजाज को दबाने के लिए मुख़्तलिफ़ तौर तरीक़े इख्तेयार किए जाने लगे।
आंधरा प्रदेश में क़ानून को अपने हाथ में लेने की कांग्रेस क़ाइदीन की पुरानी आदत है, इस लिए अवाम की नज़र में अब कांग्रेस की हुक्मरानी एक मुल्ज़िम हुकूमत के तौर पर उभर रही है। सदर तेलगुदेशम के हालिया एहतिजाज और विजया नगरम में मुनाक़िदा एहतिजाजी धरने की ज़बरदस्त कामयाबी के बाद सदर प्रदेश कांग्रेस के रवैय्या में तब्दीली आनी चाहीए और उन्हें फ़ौरी अपना मुहासिबा करते हुए हालात की ख़राबी के लिए बनने वाले अस्बाब पर ग़ौर करना चाहीए।
भारी पुलिस बंद-ओ-बस्त और इम्तिनाई अहकाम के बावजूद अवाम की बड़ी तादाद ने कांग्रेस की ख़राबियों ख़राबियों के ख़िलाफ़ अपोज़ीशन की आवाज़ को सुनने और अवामी मसाएल में इज़ाफ़ा के लिए ज़िम्मेदार क़ाइदीन के चेहरों को आशकार होता देखने के लिए विजया नगरम के कलक्ट्रेट जंक्शन पर जमा होकर तेलगुदेशम के धरने को कामयाब बनाया।
कांग्रेस कैडर्स ने भी इस तरह का मुज़ाहरा करते हुए धरना दिया और कलक्ट्रेट की दूसरी जानिब तेलगुदेशम के एहतिजाज के जवाब में मुज़ाहिरे किए, लेकिन अवाम की बड़ी तादाद ने कांग्रेस के धरने को नाकाम बना दिया। कांग्रेस हुक्मरानी की बेशुमार ख़राबियों से आजिज़ आ चुके अवाम ने तेलगुदेशम की जानिब से उठाए गए बाअज़ हस्सास मौज़ूआत को एहमीयत दी है।
कांग्रेस की हुक्मराँ क़ियादत अपने इर्द गिर्द होने वाली ख़राबियों से बेनयाज़ है। चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने अपने अतराफ़ तो किया अठारह अठारह रतन जमा कर रखे हैं, इन में कोई कालेज का साथी है और कोई वतन वाला है और कोई रिश्तेदार है जिन के मश्वरों से वो हुकूमत कर रहे हैं।
रियासत में होने वाली ख़राबियों, स्क़ाम्स, शराब माफ़िया, बदउनवानीयों और दीगर मसाएल पर तवज्जा देने के लिए उन के पास वक़्त नहीं है या फिर कांग्रेस हाईकमान की इजाज़त नहीं है। इस लीडर के अरकान ख़ानदान भी कई तनाज़आत का शिकार हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन की हौसला अफ़्ज़ाई करती जा रही है।
इस में शक नहीं कि तेलगुदेशम दौर-ए-हकूमत में किसी भी बदउनवानीयों में मुलव्वस क़ाइदीन को पार्टी सरबराह ने बख्शा नहीं था। हुक्मरानी में अबतर हालात ऐसे वक़्त भी पैदा होते हैं जब ज़िम्मेदार अफ़राद ख़राबियों या ख़राबियां पैदा करने वाले क़ाइदीन को नजर अंदाज़ करते हैं।
सरज़मीन आंधरा प्रदेश में तुलसी के बाग़ात में गांजे की काश्त करने वाले कांग्रेस क़ाइदीन को अगर पार्टी हाईकमान की सरपरस्ती हासिल हो और अवाम की नज़रों के सामने ख़राबियों को फ़रोग़ दिया जाए तो अवामी ब्रहमी में इज़ाफ़ा होना ज़रूरी है। आज रियासत में कांग्रेस के ख़िलाफ़ पैदा होने वाली नाराज़गी ने अपोज़ीशन तेलगुदेशम के मौक़िफ़ को तक़वियत पहुंचाई है कि रियासत से बद उनवान क़ाइदीन का ख़ातमा किया जाए।
अगर कांग्रेस के ज़िम्मेदार क़ाइदीन अपने इर्द गिर्द रहने वाले लुटेरों का एहतिसाब करने के बजाय ख़ुद को भी एहतिसाब से बालातर समझने लगे हैं तो रियासत को कंगाल बनाने वालों को अवाम हरगिज़ माफ़ नहीं करेंगे। कांग्रेस दौर में कई स्क़ाम्स रौनुमा हुए हैं। रियासत में रेत का स्क़ाम संगीन हो गया है, जिससे अब तामीराती सरगर्मीयों के लिए अच्छी रेत की दस्तयाबी मुश्किल हो गई है।
रेत स्क़ाम मैं हुक्मराँ पार्टी के लोग मुलव्वस हैं। शराब माफ़िया हो या गै़रक़ानूनी कानकनी का मुआमला हर बुराई में कांग्रेस क़ाइदीन मुलव्वस हैं और बा क़ौल चंद्रा बाबू नायडू ये लोग रियासत को कंगाल बनाते हुए दाएं और बाएं जानिब से लूट खसोट में मसरूफ़ हैं। अगर अवाम अपने मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ चाहते हैं तो इन लुटेरों का ख़ातमा करें। अगर अवाम की नज़रों में मुल्ज़िम हुकूमत की हैसियत से उभरने वाली कांग्रेस हुक्मरानी इन ख़राबियों पर अज़ ख़ुद जल्द से जल्द तवज्जा नहीं देगी तो आने वाले ज़िमनी इंतेख़ाबात इस के लिए सेमी फाइनल होंगे।
इसके बाद वो अपनी पैदा कर्दा ख़राबियों से बाहर निकलने में कामयाब नहीं होगी। पार्टी क़ाइदीन की बदउनवानीयों के बाइस हुकूमत का मौक़िफ़ बहुत कमज़ोर हो गया है। इसके साथ साथ चीफ़ मिनिस्टर भी रास्त सयासी मुदाख़िलत के काबिल नहीं रहे। वो ख़ुद पर आइद होने वाले इल्ज़ामात की सफ़ाई में ब्यान भी नहीं दे सकते। इन पर बार बार करप्शन, नाहलीत और दीगर कई इल्ज़ामात हैं।
इन मुश्किल मराहिल में भी चीफ़ मिनिस्टर अपनी हुकूमत की बक़ा को लाहक़ ख़तरे से बे ख़बर हैं। इन के इस कमाल सब्र-ओ-तहम्मुल के मुज़ाहरा का ख़म्याज़ा भुगतना पड़ेगा |