अवाम से कसीर तादाद में वोट देने हामिद करज़ई की अपील

अफ़्ग़ानिस्तान में सदारती इंतिख़ाबात के दूसरे मरहले में ज़बरदस्त रायदही का सिलसिला जारी रहा हालाँकि तालिबान ने इंतिख़ाबी अमल को दिरहम ब्रहम करने की धमकी दी थी लेकिन अवाम ने इन धमकियों पर कोई तवज्जा नहीं दी।

दूसरी तरफ़ अमरीका भी अफ़्ग़ानिस्तान में अपनी 13 साला मौजूदगी का ख़ात्मा करते हुए इक़्तेदार की बागडोर ख़ुद अफगानियों को सौंपने में दिलचस्पी रखता है। तालिबान को अमरीका शिकस्त फ़ाश देने में नाकाम रहा है। रायदही के पहले घंटे के दौरान किसी भी हमले की कोई इत्तिला नहीं है हालाँकि काबुल एयरपोर्ट के करीब दो धमाकों की तालिबान ने ज़िम्मेदारी क़ुबूल की है जिस में किसी के हलाक होने की इत्तिला नहीं है।

अब कुछ ही घंटों या दिनों में पता चल जाएगा कि अफ़्ग़ानिस्तान का नया सदर कौन होगा? क्या वो अफ़्ग़ानिस्तान के वज़ीरे ख़ारिजा अबदुल्लाह अबदुल्लाह होंगे या फिर आलमी बैंक के साबिक़ माहिरे मआशियात अशर्फ़ ग़नी होंगे? दूसरी तरफ़ पाकिस्तान ने भी एक अच्छे पड़ोसी मुल्क होने का सबूत देते हुए पाक-अफ़्ग़ान सरहद के अहम और हस्सास मुक़ामात पर सेक्यूरिटी के ख़ातिर ख़्वाह इंतेज़ामात किए हैं ताकि अफ़्ग़ानिस्तान में पुरअमन सदारती इंतिख़ाबात को यक़ीनी बनाया जा सके। फ़िलहाल वहां रायदही का सिलसिला जारी है।