अफ़्ग़ान सदर अशर्फ़ ग़नी ने अपने क़बाइली नाम अहमद ज़ई को तर्क कर देने का फैसला किया है और उन्हों ने तमाम हुकूमती मह्कमाजात और मीडिया से सिर्फ़ उन का ख़ानदानी नाम इस्तेमाल करने की ख़ाहिश की है। सदारती क़सर के दफ़्तर इंतेज़ामी उमूर की जानिब से गुज़िश्ता हफ़्ता एक मकतूब तमाम हुकूमती महकमों को इरसाल किया गया।