न्यूयार्क । 19 अक्तूबर । (एजैंसीज़) एप्पल के मुआविन बानी असटीव जॉब्स अपनी सवानेह हयात लिखवाने केलिए इस शर्त पर तैय्यार हुए थे कि इन के बच्चे ये समझ सकें कि वो उन्हें ज़्यादा वक़्त क्यों नहीं दे सके । उन की सवानिह हयात असटीव जॉब्स के मुसन्निफ़ पोलटज़र ऐवार्ड केलिए नामज़द वाल्टर आई जाक़स हैं । आई असटीव : दी बुक आफ़ जॉब्स के उनवान से ये सवानिह हयात अब मुक़र्ररा वक़्त से एक माह क़बल 24 अक्टूबर को बाज़ार में आजाएगी । जॉब्स की मौत वाक़्य होने की वजह से इस का उनवान बदल दिया गया है । अपनी ज़िंदगी के आख़िरी हफ़्तों में काफ़ी अलील रहने वाले जॉब्स ने कैलीफोर्निया के पीलू आल्टो में वाक़्य अपने घर में अपनी सवानिह हयात लिखने वाले आई जैक्सन से मिले थे । आई जैक्सन ने बताया कि इस वक़्त जॉब्स तकलीफ़ में थे । वो अपने घर की निचली मंज़िल के कमरे में थे क्यों कि कमज़ोर होने की वजह से वो सीढ़ीयां नहीं चढ़ पाते थे । जब उन से पूछा गया कि वो अपनी निजी ज़िंदगी को शख़्सी है रखने के उसूल पर सख़्ती से कारबन्द रहे तो फिर अपनी सवानिह हयात केलिए इंटरव्यू देने केलिए कैसे तैय्यार होगए ? इस के जवाब में जॉब्स ने कहा था : मैंने सोचा कि मेरे बच्चे मेरे बारे में जानें । उन्हों ने कहा कि हमेशा उन को वक़्त नहीं दे सका और मैं चाहता था कि वो ये जानें कि ऐसा क्यों हुआ और ये समझें कि मैंने क्या क्या ? मुसन्निफ़ का कहना है कि जॉब्स का दिमाग़ उस वक़्त भी जब कि वो सख़्त अलील थे , तेज़ी से चलता था और ख़ूब हंसी मज़ाक़ करते थे । कैंसर की वजह से जॉब्स का 56 साल की उम्र में 5 अक्टूबर 2011-को इंतिक़ाल हुआ।