असदुद्दीन ओवैसी की क़ानूनी इमदाद की पेशकश ठुकरा दी गई

हैदराबाद 21 जुलाई: सदर मजलिस इत्तेहाद उलमुस्लिमीन असदुद्दीन ओवैसी को उस वक़्त मुक्की खानी पड़ी जब दहश्तगर्दी के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार मुस्लिम नौजवानों के वालिदैन ने सदर मजलिस की क़ानूनी इमदाद की पेशकश को ठुकरा दिया। दाअश के मुबय्यना कारकुन होने के इल्ज़ाम में क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी ने शहर से चंद मुस्लिम नौजवानों को हिरासत में ले लिया था। 7के मिनजुमला 2 मुस्लिम नौजवानों के वालिदैन ने असद ओवैसी की पेशकश को मुस्तर्द कर दिया। इबराहीम यज़्दानी और इलयास यज़्दानी के ख़ानदान के अरकान ने रियासती इन्सानी हुक़ूक़ कमीशन से रुजू हो कर एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने का मुतालिबा किया।

इन लोगों ने मजलिस इत्तेहाद उलमुस्लिमीन के सियासी पार्टीयों पर तन्क़ीद की के ये इस मसले पर वोट बैंक की सियासत कर रहे हैं। यज़्दानी के अरकाने ख़ानदान नादिरा और मुहम्मद इसहाक़ यज़्दानी ने दरख़ास्त में लिखा कि हैदराबाद की एमआईएम के बिशमोल मुल्क की हर पार्टी एनआईए के झूटे केस का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही है और वोट बैंक की सियासत कर रही है। मज़हब के नाम पर वोटों को तक़सीम किया जा रहा है, इस मुल्क में रहने वाले मुसलमानों के एहसासात का क़त्ल किया जा रहा है।
असद का कहना है कि एनआईए ने वज़ारत-ए-दाख़िला, तेलंगाना डीजीपी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी दाख़िला तेलंगाना हुकूमत के अलावा सियासी पार्टीयां उनके बच्चों को झूटे केस में फांसने के ज़िम्मेदार हैं। उनकी ये साज़िश इन्सानी हुक़ूक़ के मुख़्तलिफ़ दफ़आत की ख़िलाफ़वरज़ी है।