एआईएमआईएम लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी को आडे हाथों लेते हुए दोनों पार्टियों को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया है। इस बयान से ओवैसी के बसपा के करीब जाने की चर्चा शुरू हो गई है।
हालांकि बिहार विधानसभा इंतेखाबात में एमआईएम कोई खास खेल नहीं दिखा पाई लेकिन अब 2017 में होने जा रहे उत्तर प्रदेश इलेक्शन में असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी हाथ आजमाने जा रही है।
इस बीच समाजवादी पार्टी भी ओवैसी को लेकर होशियार हो गई है।
आपको बता दें कि सपा में आजम खान की कियादत में बडा हिस्सा अक्लियती वोटों का होता है। अगर ओवैसी यूपी में आते हैं तो सपा और दिगर पार्टियों के वोट का बडा हिस्सा काट सकते हैं। हालांकि, बसपा सदर मायावती ने इस तरह के किसी इम्कानात से इनकार किया है।
उन्होंने कहा है कि यूपी में उनकी पार्टी अकेले ही 2017 का विधानसभा इंतेखाबात लडेगी। मायावती ने कांग्रेस या भाजपा समेत किसी भी तंज़ीम से इत्तेहाद करने के इम्कानात को सिरे से खारिज कर दिया है। उधर, समाजवादी पार्टी भी अकेले ही इलेक्शन लडने का दम भर रही है।
यूपी हुकूमत के वज़ीर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी अकेले सरकार बनाने में काबिल है।
भाजपा भी 2017 यूपी इलेक्शन की तैयारियों में जुट गई है। हाल ही में भाजपा एमपी और मेनका गांधी के बेटे वरूण गांधी भाजपा सदर अमित शाह से मुलाकात किये हैं जिसके बाद उन्हें यूपी में सीएम उम्मीदवार ऐलान करने के कयास लगाए जा रहे हैं।