असद ओवैसी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की दरख़ास्त

नई दिल्ली 06 अगस्त: अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वो सदर एमआईएम असदुद्दीन ओवैसी के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई एटीआर एक्शण टेकन रिपोर्ट दाख़िल करें।

असद ओवैसी के ख़िलाफ़ दोनों ग्रुपस के बीच फ़साद, दुश्मनी का बाइस बनने वाली तक़ारीर पर अदालत में शिकायत दर्ज की गई थी। दरख़ास्त गुज़ार की तरफ से अदालत के क़ब्लअज़ीं अहकामात की तामील के तईं इत्तेला दिए जाने के बाद अदालत के ये अहकामात सामने आए।

दरख़ास्त गुज़ार ने सदर एमआईएम असद ओवैसी के काबिल एतराज़ तक़ारीर और दुसरे मवाद की रिकार्डिंग की कापी को पुलिस को दी। चीफ़ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष मर्किन ने पुलिस रिपोर्ट इदख़ाल की तारीख़ 7 अगस्त मुक़र्रर की है। अदालत के अहकाम की रोशनी में का रावलनगर दिल्ली पुलिस स्टेशन के ओहदेदारों ने अपने मौकुफ़ की वज़ाहत करने के लिए एक रिपोर्ट दाख़िल करते हुए कहा था कि दरख़ास्त गुज़ार की तरफ से पुलिस को सदर मजलिस ओवैसी के काबिल एतराज़ बयानात की रिकार्डिंग की कापी भी मुहय्या नहीं की गई थी। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दरख़ास्त गुज़ार बृजेश चंद शुक्ला क़ौमी सदर स्वराज जनता पार्टी ने असद ओवैसी के मुबय्यना रिमार्कस के सबूत के तौर पर किसी भी एक शख़्स को पेश नहीं किया जिसने इन रिमार्कस को सुना हो। दरख़ास्त गुज़ार ने 13 मार्च को एक दरख़ास्त दाख़िल करते हुए शिकायत की थी कि असद ओवैसी ने रज़ाकाराना तौर पर ये बात कही है कि अगर कोई मुझ पर छुरा तान दे तब भी में भारत माता की जय नहीं कहूँगा।

इस से असद ओवैसी के मुल्क के तईं अदम फ़रमांबर्दारी और दुश्मनी के एहसासात उजागर होते हैं। दरख़ास्त गुज़ार के वकील ने कहा था कि ये मुआमला ताज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 124A (बग़ावत) के तहत आता है जबकि ओवैसी उनके बयानात के ज़रीये मुल्क के तईं अदम वफ़ादारी और अदम दिलचस्पी का इज़हार करते हैं।

दरख़ास्त में अदालत से ख़ाहिश की गई है कि वो पुलिस को ताज़ीरात-ए-हिंद की दफ़आत 124A (बग़ावत फ़साद) और 153A (दोनों ग्रुपस के बीच मज़हब की बुनियाद पर दुश्मनी को हवा देना) के तहत उवैसी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दाख़िल करने की हिदायत दी। दरख़ास्त में कहा गया है कि हैदराबाद एमपी मुल्क (हिन्दुस्तान) के तईं वफ़ादार नहीं हैं और वो (असद उवैसी) मुल्क की नेक-नामी को मुतास्सिर करने की कोशिश कर रहे हैं।

असद ओवैसी बग़ावत के मोरीद-ए-इल्ज़ाम ठहराए जा सकते हैं। दरख़ास्त में कहा गया है कि ये सही है कि हमारा दस्तूर हमको भारत माता की जय कहने पर मजबूर नहीं करता है दस्तूर इस बात की इजाज़त भी नहीं देता कि कोई ये कहे कि कोई मेरी गर्दन पर छुरी रख दे तब भी में भारत माता की जय नहीं बोलूँगा। दरख़ास्त गुज़ार ने कहा कि उसने इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर वो अदालत से रुजू हुआ है।