असम के गोलाघाट और जोरहाट जिले में जहरीली शराब पीने से 156 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कर्मचारियों के लिए बने आवासीय क्वार्टर में 11 साल की दीपाली पुजहर सबसे बड़ी सदस्य हैं जो जिंदा बची हैं। उसके माता पिता देबारू और सुनीता की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है। जहरीली शराब से मौत होने की घटना 21 फरवरी को सामने आई थी।
देबारू पुजहर की साली कृष्णा पुजहर ने कहा, ‘दोनों ने एक साथ शराब पी थी। परिवार के केवल चार बच्चे बच गए हैं।’ पुजहर परिवार का सबसे युवा बच्चा केवल पांच साल का है।
अधिकारियों के अनुसार इस घटना में गोलाघाट और जोरहाट जिले के 156 लोगों की मौत हुई है। जिसकी वजह से 38 बच्चे अनाथ हो गए हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जोरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जहरीली शराब के 9 ऐसे पीड़ित हैं जिन्हें बहुत कम दिखाई दे रहा है। डॉक्टरों के अनुसार वह पूरी तरह से दृष्टिहीन हो सकते हैं। जिला उपायुक्त धीरेन हजारिका ने कहा, ’11 परिवारों के 33 बच्चे गोलाघाट में अनाथ हो गए हैं।’ अधिकारियों के अनुसार पड़ोसी जोरहाट में पांच ऐसे बच्चे हैं जो अनाथ हो चुके हैं।
हजारिका ने कहा कि जिला समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह अनाथ बच्चों की देखभाल करें। उन्होंने कहा, ‘वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को आश्रय और अच्छी शिक्षा दी जाए। साथ ही उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वह कानूनी प्रावधानों के तहत बच्चों की देखभाल करने के लिए रिश्तेदारों से बातचीत करेंगे।’
हजारिका ने कहा कि अधिकारी परिवार के संपर्क में है। उन्होंने कहा, ‘अंतिम संस्कार खत्म होने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा। ज्यादातर परिवार हिंदू हैं।’
Assam hooch tragedy leaves behind 38 orphanshttps://t.co/JgZ5gf5YT7 pic.twitter.com/bKxCna0mYx
— Hindustan Times (@htTweets) March 2, 2019
वहीं दूसरी तरफ असम के आबकारी मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य का कहना है कि सरकार इस मसले की उच्च स्तरीय जांच कर रही है। इसकी सीबीआई और सीआईडी जांच करने की मांग उठ रही है। इसी बीच शुक्रवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने गोलाघाट और जोरहाट का दौरा किया था।