असम में बीजेपी सरकार बना रही मुसलमानों को निशाना, CJI से दखल देने की मांग

नई दिल्ली: असम माइनोरिटी जातीय परिषद (AMJP) ने  आरोप लगाया है कि असम में भाजपा सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है | इसके लिए उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की है|

एएमजेपी ने  इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बाढ़ और कटाव के बाद हुई बर्बादी के बाद जो ग़रीब मुस्लिम सरकरी ज़मीन पर रह रहे हैं उन्हें वहां से हटाया जा रहा है|एएमजेपी और पूर्व विधायक अब्दुल अजीज ने राइजिंग कश्मीर से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार द्वारा इन लोगों को बिना किसी उचित राहत और पुनर्वास के भेदभावपूर्ण और मनमाना तरीके से सरकारी ज़मीन से हटाया जाना बिलकुल ग़लत है|

उन्होंने बताया कि सभी समुदाय के लोग सरकारी ज़मीन पर रह रहे हैं | ये ज़मीन फ़िलहाल सरकार द्वारा इस्तेमाल में नहीं लायी जा रही है लेकिन सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही अतिक्रमण हटाओ के नाम पर परेशान किया जा रहा है | बाकि समुदाय के लोगों को वहां रहने की इजाज़त दी जा रही है | उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में न्याय के लिए  मुख्य न्यायधीश के समक्ष एक याचिका दायर की है |

अल्पसंख्यक संगठन ने आरोप लगाया कि जब से पिछले साल मई से भाजपा के सत्ता में आई है, तब से उसका एक ही मक़सद है अल्पसंख्यकों को  परेशान करना है |  याचिका दायर करने के लिए यहाँ आए दोनों अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा  कि जिन लोगों के पास 25 मार्च, 1971 तक के वैध दस्तावेज हैं उन्हें  अवैध बांग्लादेशी के नाम पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए| असम समझौते के संशोधित खण्ड 6A  के तहत उन लोगों को बगैर परेशान किये हुए उचित राहत और पुनर्वास प्रदान किया जाना चाहिए |

25 मार्च, 1971 को असम समझौते के तहत धारा 6A को नागरिकता अधिनियम में डाला गया था| उन्होंने कहा कि धारा 6A के प्रावधानों को पहले से ही असम में समाज के सभी वर्गों द्वारा स्वीकार किया गया है इस पर विचार किये बगैर सुप्रीम कोर्ट में धारा 6A की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए एक याचिका दायर की गयी थी |

दोनों अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में धारा 6A की संवैधानिक वैधता को जो चुनौती दी गयी है वो इसको पूरी तरह डिफेंड करेंगे | अजीज ने कहा कि असम में मतदाता सूची में अजीब प्रावधान है |  असम में हजारों मतदाताओं को संदिग्ध घोषित किया गया है|  क्या कोई देश अपनी नागरिकता देने के लिए दो तरह के नियम सेट कर सकता है |
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर एनआरसी को  बगैर किसी दबाव, उचित और निष्पक्ष ढंग से तैयार किया जाता तो असम में अवैध नागरिकों का मुद्दा ही ख़त्म हो जाता| अजीज ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले आठ महीनों में विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के अलावा कुछ नहीं किया |

दोनों नेताओं ने राज्य में सत्ता में भाजपा को लाने के लिए इत्र व्यापारी और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल को दोषी ठहराया है | उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट  बांटने के लिए उन्होंने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था |

साभार : MuslimMirror.com