असम में मुसलमानों का कत्ल ए आम

असम के तीन अज़ला में जारी फ़िर्कावाराना तशद्दुद के दौरान गुज़शता 24 घंटों में 26 मुसलमानों को क़त्ल कर दिया गया । रियासती हुकूमत ने तशद्दुद पर क़ाबू पाने के लिए फ़ौज की तलबी का फ़ैसला किया है लेकिन ताहाल बोडो इंतेहापसंदों की जानिब से बरपा किए जा रहे इन फ़सादाद की लपेट में तीन अज़ला आ चुके हैं जिन में कोकराझार , बक्सा और चराइंग शामिल है ।

गुज़शता शब शुरू हुए इस तशद्दुद में तीन अफ़राद बिशमोल ख़ातून को क़त्ल किया गया था जबकि रात देर गए कोकराझार के मौज़ा बालपारा में मुस्लिम आबादी पर किए गए हमले में 8 अफ़राद बिशमोल 2 मासूम बच्चों को क़त्ल कर दिया गया ।

आज सहपहर तक सूरत-ए-हाल पर ज़िला इंतेज़ामीया की जानिब से क़ाबू ना पाए जाने के सबब नारायण गिरी मौज़ा में जो कि ज़िला बक्सा का गांव है इस गांव को नज़र-ए-आतिश कर दिया गया । इस गांव में जुमला 70 मकानात जल कर ख़ाक हो गए और 11 अम्वात की इत्तेलात मौसूल होरही हैं

हरीशवर बर्मन ने असम की ताज़ा सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि गुज़शता 24 घंटों में 26 अफ़राद की हलाकत के बावजूद इंतेज़ामीया ने नज़म-ओ-ज़बत की सूरत-ए-हाल पर क़ाबू पाने के इक़दामात नहीं किए बल्कि रात तक़रीबन 9 बजे के क़रीब तीन अज़ला में कर्फ़यू नाफ़िज़ करने का ऐलान किया गया । उन्होंने बताया कि कर्फ़यू के नफ़ाज़ के बावजूद सूरत-ए-हाल पर कंट्रोल नहीं किया जा सका है और बोडो इंतेहापसंदों का तशद्दुद अब भी जारी है ।

बर्मन के मुताबिक तीनों अज़ला में हालात क़ाबू में नहीं हैं लेकिन इस के बावजूद हुकूमत की जानिब से बरवक़्त इक़दामात की इत्तेला नहीं मिल पा रही हैं । उन्होंने मज़ीद बताया कि 1994 में जिस मौज़ा ((गांव)) बानसबरी में मुस्लिम नस्लकुशी के वाक़ियात रौनुमा हुए थे उसी मौज़ा के क़रीब वाके नारायण गिरी में मुसलमानों के मकानात को नज़र-ए-आतिश किया गया है ।

उन्होंने गुज़शता दो यौम से जारी पुरतशद्दुद कार्यवाईयों के लिए बोडो इंतिहापसंदों की सियासी तंज़ीम डी पी एफ़ को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा कि रियासती कांग्रेस हुकूमत की हलीफ़ डी पी एफ़ के सरबराह हगामा के हामीयों की जानिब से ये तशद्दुद बरपा किया जा रहा है ।

बर्मन ने बताया कि 24 घंटों के दौरान क़त्ल किए गए 26 अफ़राद में 4 ख़वातीन के इलावा 3 साला उम्र के दो बच्चे भी शामिल हैं ।

रात देर गए मौसूला इत्तेलाआत के मुताबिक हज़ारों की तादाद में मुसलमान अपने मवाज़आत से तख़लिया करते हुए महफ़ूज़ मुक़ामात की तलाश में निकल पड़े हैं।

इलावा अज़ीं पुलिस के आला ओहदेदारों की जानिब से भी इस बात की तौसीक़ की जा रही है कि लोग महफ़ूज़ मुक़ामात की तलाश में अपने गांव छोड़ रहे हैं । चीफ़ मिनिस्टर असम मिस्टर तरूण गोगोई ने आज रियासत की कशीदा सूरत-ए-हाल का जायज़ा लेते हुए इंतेज़ामी ओहदेदारों के इलावा आला पुलिस ओहदेदारों को इस बात की हिदायत दी कि वो हालात पर क़ाबू पाने के लिए सख़्त इक़दामात करे । फ़िर्कावाराना तशद्दुद के दौरान ज़ख़मी होने वालों का ईलाज गोहाटी मेडीकल कॉलेज , हॉस्पिटल में किया जा रहा है । बताया जाता है कि ताहाल 13 शदीद ज़ख़मीयों की निशानदेही की गई है ।

जिन्हें गोलीयों के ज़रीया निशाना बनाया गया। तशद्दुद के दौरान हलाक होने वालों में 5 अफ़राद के इलावा एक 3 साला बच्चे को बंदूकों से निशाना बनाया गया ।

पी टी आई की जानिब से फ़राहम करदा इत्तेलाआत के बमूजब 40 बोडो इंतेहापसंदों ने जो कि AK47 से लैस थे , उन इंतेहापसंदों ने बालापारा मौज़ा में तीन मकानात में घुस कर अंधा धुंध फायरिंग की जिस के नतीजा में 7 अफ़राद के बरसर मौक़ा हलाक होने की इत्तेला है । जिन में एक तीन साला बच्चा भी शामिल है । इलावा अज़ीं 13 अफ़राद शदीद ज़ख़मी हुए हैं जिन का ईलाज ज़िला के सरकारी दवाख़ाना में किया जा रहा है ।

हमले के बाद हज़ारों अफ़राद ने जान बचा कर पड़ोसी इलाक़ा धुबरी में पनाह ली है । अवाम ने ख़ौफ़-ओ-हरास के आलम में नदी उबूर की । लेकिन बादअज़ां ये तमाम अपने मवाज़आत को वापस हुए । सूरत-ए-हाल पर क़ाबू पाने के लिए फ़ौज तलब कर ली गई है ।