अमीनुल हक कचर जिले के सोनई विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए हैं। इस विधानसभा क्षेत्र के कुल 1,58,000 मतदाताओं में से 98,000 मुसलमान हैं। वे असम के भावी मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
भाजपा के साथ अपने रिश्तों के बारे में अमीनुल हक बताते हैं, ‘2011 में नितिन गडकरी भाजपा के अध्यक्ष थे और हम दोनों ने असम गण परिषद का दामन थाम लिया था। मैं ऑल असम स्टूडेट यूनियन का हिस्सा था और 1995 में ही असम गण परिषद से जुड़ गया था। लेकिन पार्टी बुरे दौर से गुजर रही थी।
मैंने महसूस किया कि अगर मुझे सच में लोगों के लिए काम करना है तो परिषद में रुकने का कोई फायदा नहीं है। मूलरूप से मैं कांग्रेस विरोधी मानसिकता का व्यक्ति हूं इसलिए भाजपा ही मेरे लिए एकमात्र विकल्प थी। मैं देख रहा था कि पार्टी के पास एक सुनहरा भविष्य है।