रांची : रियासत भर के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में चल रही इंटर और ग्रेजुएट असातीजा ओहदे पर तकर्रुरी की अमल खत्म ही नहीं हो रही है। हाल यह है कि ज़्यादातर जिलों को उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं। अबतक तीन काउंसलिंग हो चुकी हैं, बावजूद रियासत में सैकड़ों ओहदे खाली हैं।
रांची जिले में असातीजा की तकर्रुरी के लिए जुमेरात को थर्ड काउंसलिंग ली गई। इसके लिए 300 उम्मीदवार को बुलाया गया था।
इसमें क्लास एक से पांचवीं के लिए 240 और क्लास छह से आठवीं में तकर्रुरी के लिए 60 उम्मीदवारों को मदउ किया गया था। लेकिन, आए सिर्फ 99। इसमें क्लास एक से पांचवीं के लिए महज़ 70 और क्लास छह से आठवीं के लिए 29 उम्मीदवार पहुंचे। काउंसलिंग के लिए छह बोर्ड बनाए गए थे। उम्मीदवारों की तादाद कम होने की वजह से छह में चार बोर्ड एक बजे ही खाली पड़ गए। बोर्ड में जिला इंतेजामिया के अफसरों के अलावा तालीम महकमा के अफसर और मुलाज़िम शामिल थे।
सीटें खाली रहने के पीछे सबसे बड़ी वजह है एक ही उम्मीदवार का कई जिलों के मेरिट लिस्ट में नाम आना। तमाम जिलों में काउंसलिंग तकरीबन एक साथ हो रही है। जिस जिले में पहले काउंसलिंग हो रही है, वहां उम्मीदवार शामिल हो जा रहे हैं। जिनका सलेक्शन हो रहा है उनका टेट का सर्टिफिकेट रख लिया जा रहा है। इस वजह से ये उम्मीदवार दूसरे जिले में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। चूंकि उसका नाम मेरिट लिस्ट में कई जिलों में आ रहा है, इसलिए उन जिलों की सीटें खाली रह जा रही हैं।
काउंसलिंग में शामिल होनेवाले उम्मीदवारों की जो हालत है, उसको देखते हुए तालीम महकमा को कई और काउंसलिंग मुनाक़्क़ीद करनी होगी। हर बार मुनक्कीद काउंसलिंग में आधे से भी कम उम्मीदवार पहुंच रहे हैं। रांची में जो हालत है, उसे देखते हुए यहां कम-से-कम दो काउंसलिंग और मुनक्कीद करनी पड़ सकती है।