असीमानंद का खुलासा: भागवत की सरपरस्ती में हुआ धमाका

समझौता एक्सप्रेस धमाके के अहम मुल्ज़िम स्वामी असीमानंद ने की मानें तो मालेगांव और समझौता ब्लास्ट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत की रज़ामंदी थी। मैगजीन “कैरावन” को दिये इंटरव्यू में असीमानंद ने दावा किया है कि मोहन भागवत को धमाकों की पूरी मालूमात थी और उसे बाकायदा उनकी दुआ हासिल थी। मैगजीन ने असीमानंद से बातचीत के टेप्स भी जारी किए हैं।

दूसरी तरफ, मैगजीन के इन इल्ज़ामों पर असीमानंद के वकील ने कहा कि ऐसा कोई इंटरव्यू नहीं लिया गया है। संघ ने भी असीमानंद से बातचीत के टेप्स को फर्जी करार दिया है। मुस्लिम इलाकों में धमाकों को हरी झंडी देने के मामले में असीमानंद ने मोहन भागवत के साथ आरएसएस के सिनीयर ओहदेदार इंद्रेश कुमार का भी नाम लिया है। “कैरावन” मैगजीन के लिए असीमानंद का इंटरव्यू लीना गीता रघुनाथ ने किया है।

रघुनाथ ने असीमानंद से चार इंटरव्यू किये, जिनकी बुनियाद पर यह दावा किया गया है। मैगजीन ने इंटरव्यू का ऑडियो भी जारी कर दिया। मैगजीन कैरावन ने अपनी कवर स्टोरी में दावा किया है कि उसने दो साल के दौरान असीमानंद से चार बार बातचीत की। इस बातचीत की बुनियाद पर मैगजीन ने दावा किया है कि जुलाई 2006 में असीमानंद और सुनील जोशी सूरत में संघ के लीडर मोहन भागवत और इंद्रेश कुमार से मिले थे, तब मोहन संघ के चीफ नहीं थे। मैगजीन के मुताबिक, जोशी ने भागवत को पूरे मुल्क में मुस्लिमों को निशाना बनाकर ब्लास्ट का प्लान बताया था।

असीमानंद के मुताबिक, दोनों संघ के लीडरों ने इसकी मंजूरी दी थी। भागवत ने कहा था, तुम यह कर सकते हो। हम इसमें शामिल नहीं होंगे, लेकिन अगर तुम यह कर रहे हो, तो हमें अपने साथ ही समझो। मैगजीन ने बुध के रोज़ प्रेस रिलीज के साथ दो टेप भी जारी किए। एक टेप को 10 जनवरी, 2014 को हरियाणा की अंबाला सेंट्रल जेल में रेकॉर्ड किया गया, जिसे असीमानंद का इंटरव्यू बताया गया है। इसमें असीमानंद और मैगजीन की सहाफी लीना गीता रघुनाथन की बातचीत है।

यह बातचीत इस तरह है-

असीमानंद- मोहन भागवत, इंद्रेश और सुनील, वे सभई मुझसे मिलने शाबरी धाम (गुजरात) आए थे। सुनील ने भागवतजी से कहा, थोडा हिंदू का हमला होना है। संघ से जुडे हुए लोग हैं, जो यह ख्याल रखते हैं। जो भी होगा हम तक ही रहेगा, संघ से इनको जोडेंगे भी नहीं। आप से कोई मदद नहीं लेंगे। आप आफीसर हैं इसलिए आपको बता रहे हैं। इसलिए आपको बता रहे हैं कि हम लोग सोच रहे हैं। तब मोहनजी और इंद्रेश दोनों ने कहा, यह बहुत अच्छा है। जरूरी है।

संघ से नहीं जोडना। संघ नहीं करेंगे… हिंदुत्व के लिए भी ऐसा कोई है। संघ का यह ख्याल नहीं है। तब मुझसे कहा. स्वामीजी यह करेंगे तो हमें यकीन होगा। कोई गलत नहीं होगा। जुर्म नहीं होगा। आप करेंगे तो क्राइम करने के लिए कर रहे हैं, ऐसा नहीं लगेगा।

ख्यालात के साथ जुडा लगेगा। बहुत जरूरी है यह हिंदू के लिए। आप लोग करो। हमारी दुआ है। इससे आगे कुछ भी नहीं कहा। दूसरी तरफ संघ ने इन इल्ज़ामात से इनकार किया है। संघ ने कहा कि जो ऑडियो जारी किया गया है वह फर्जी है। जबकि असीमानंद के वकील जेएस राणा का कहना है कि “कैरावन” में “द बिलीवर” सुर्खी से स्वामी असीमानंद पर लीना गीता रघुनाथन का जो मजमून छपा है, सरासर झूठों का पुलिंदा है।

गौरतलब है कि असीमानंद पर साल 2006 से 2008 के बीच समझौता एक्सप्रेस धमाका (फरवरी 2007), हैदराबाद मक्का मस्जिद धमाका (मई 2007), अजमेर दरगाह (अक्टूबर 2007) और मालेगांव में दो धमाके (सितंबर 2006 और सितंबर 2008) के इल्ज़ाम हैं। इन धमाकों में कुल 119 लोग मारे गए थे। जिस वक्त मोहन भागवत से असीमानंद की मुलाकात हुई थी उस वक्त मोहन भागवत आरएसएस में तंज़ीम के जनरल सेक्रेटरी थे। हरियाणा के पानीपत के पास समझौता ट्रेन में ब्लास्ट में कुल 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें दर्जनों पाकिस्तान के रहने वाले थे।

नेशनल इन्वेस्टीगेश एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान, कमल चौहान को मुल्ज़िम बनाया था। असीमानंद पर ब्लास्ट में मदद देने का इल्ज़ाम है जबकि राजेंद्र पहलवान, लोकेश शर्मा और कमल चौहान पर रेल में बम लगाने का इल्ज़ाम था। इससे पहले एनआईए ने 20 जून 2011 को स्वामी असीमानंद समेत दिगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।