समझौता एक्सप्रेस बम धमाके के मुल्ज़िम असीमानंद ने कैरावन मैगजीन के मुबय्यना तौर पर इंटरव्यू को फर्जी बताते हुए किसी भी तरह का इंटरव्यू देने से इनकार किया है एक प्राइवेट टीवी चैनल ने दावा किया कि उसके पास असीमानंद के हाथ से लिखा एक नोट है | इस नोट में असीमानंद कहते हैं कि रिपोर्टर से वो मिले जरूर हैं, वो एक वकील की शक्ल में उनसे मिली थीं इस नोट में असीमानंद ने ये भी माना कि उन्होंने रिपोर्टर से कई बार कोर्ट के बाहर और अंदर सुनवाई के दौरान मुलाकात की |
काबिल ए जिक्र है कि कैरावन मैगजीन ने असीमानंद के हवाले से ये शाय किया था कि समझौता एक्सप्रेस में धमाके के लिए संघ के चीफ मोहन भागवत ने मंजूरी दी थी असीमानंद के हवाले से कहा गया था कि संघ के इशारे पर ये धमाके कराए गए |
असीमानंद के इनकार और इस नोट के सामने आने के बाद जानकारों ने इस इंटरव्यू पर सवाल उठाए हैं | सवाल उठाए जाने लगे है कि अगर असीमानंद ने मोहन भागवत के मुताल्लिक कोई बयान दिया भी है तो उनकी बात को कितनी संगीनी से लिया जाए? क्योंकि इससे पहले वे जांच एजेंसियों को मुबय्यना तौर पर मीटिंग के बारे में बता चुके है और उनके बयान में भागवत का कोई ज़िक्र नहीं था | जानकारों के मुताबिक इस इंटरव्यू को इंतेखाबी माहौल में अक्सर सामने आने वाले सनसनीखेज खुलासों की ही एक कड़ी माना जाना चाहिए |
कैरावन का दावा है कि अंबाला जेल में एक इंटरव्यू के दौरान असीमानंद ने उसकी सहाफी गीता रघुनाथ को बताया कि समझौता और मालेगांव ब्लास्ट को खुद मौजूदा आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने मंजूरी दी थी | इस अमल में संघ के बड़े ओहदेदार इंद्रेश कुमार भी शामिल थे | इस दावे के बाद सियासी गलियारों में खासा हंगामा मचा रहा और सियासी पार्टियों ने मामले की जांच और आरएसएस चीफ मोहन भागवत को गिरफ्तार तक करने की मांग कर डाली |
कैरावन के मुताबिक गीता ने 2 साल में 4 मर्तबा असीमानंद का इंटरव्यू लिया, जिसकी बुनियाद पर ये दावा किया गया है मैगजीन ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए अपनी वेबसाइट पर गीता रघुनाथ और असीमानंद के इंटरव्यू के 2 ऑडियो भी जारी किए हैं |