असेंबली और कौंसिल स्टैंडिंग कमेटी सदर नशीन को अक्लीयती बहबूद पर याददाश्त की पेशकशी

हैदराबाद 26 मई ( सियासत न्यूज़) रुक्न क़ानूनसाज़ कौंसिल तेलुगु देशम पार्टी अल्हाज मुहम्मद सलीम ने वेलफ़ेयर से मुताल्लिक़ असेंबली और कौंसिल की स्टैंडिंग कमेटी सदर नशीन को अक्लीयती बहबूद से मुताल्लिक़ तफ़सीली याददाश्त पेश की।

जिस में रियासत में अक्लीयती बहबूद की स्कीमात पर मोअस्सर अमल आवरी की निगरानी के लिए ज़िलावारी सतह पर कमेटीयों के क़ियाम का मुतालिबा किया गया।

उन्हों ने कहा कि अवामी नुमाइंदों और अक्लीयती तबक़ा की नुमाइंदा शख़्सियतों पर मुश्तमिल कमेटियां क़ायम की जाएं और ये निगरांनकिर कमेटियां कम अज़ कम हर तीन माह में एक बार अपना इजलास मुनाक़िद करें।

डिस्ट्रिक्ट रेवैन्यू ऑफिसर्स को इस बात की ज़िम्मेदारी दी जाए कि वो हर तीन माह में पाबंदी के साथ कमेटी का इजलास तलब करते हुए तीन माह की रिपोर्ट इजलास में पेश करें।

उन्हों ने अक्लीयती स्कीमात के फ़वाइद से इस्तिफ़ादा के लिए आमदनी की हद को एक लाख से बढ़ा कर तीन लाख करने की तजवीज़ पेश की और इनकम सर्टीफ़िकेट के लिए गज़ेटेड ऑफीसर की तसदीक़ के बजाय ख़ुद दरख़ास्त गुज़ार के शख़्सी तसदीक़ को कुबूल करने का मुतालिबा किया।

मुहम्मद सलीम ने कहा कि जी ओ एम एस 374 पर अमल आवरी करते हुए क़ब्रिस्तानों, ईदगाह, मसाजिद और चर्च्स की हिसारबंदी के लिए ख़ुसूसी फंड्स जारी किए जाएं और हर एक के लिए कम अज़ कम 3 लाख रुपये मुख़तस किए जाएं।