हैदराबाद 15 जुलाई: मुसलमानों के लिए 12 फ़ीसद रिजर्वेशन के वादे पर हुकूमत की संजीदगी के इज़हार का बेहतरीन मौक़ा हुकूमत को 20 जुलाई को हासिल होगा। क़ानूनसाज़ असेंबली और कौंसिल की अक़लियती बहबूद कमेटी का मीटिंग 20 जुलाई को मुक़र्रर है जिसमें 12 फ़ीसद रिजर्वेशन के हक़ में मुत्तफ़िक़ा तौर पर क़रारदाद मंज़ूर करते हुए हुकूमत को भेजी जा सकती है जो ना सिर्फ कमेटी की तरफ से रिजर्वेशन के लिए हुकूमत को सिफ़ारिश होगी बल्के हुकूमत पर वादे पर अमल आवरी के सिलसिले में दोनों एवानों की तरफ से दबाओ बनेगा। दोनों एवानों की अक़लियती बहबूद कमेटी में टीआरएस, कांग्रेस और मजलिस के अरकान शामिल हैं लिहाज़ा मुत्तफ़िक़ा क़रारदाद की मंज़ूरी में कोई रुकावट नहीं होगी क्युं कि तीनों जमातों ने रिजर्वेशन के हक़ में अपने मौकुफ़ का पहले ही इज़हार कर दिया है।
हुकूमत ने हाल ही में रुकने असेंबली बोधन आमिर शकील की सदारत में एवान की कमेटी तशकील दी है जिसका तआरुफ़ी मीटिंग पिछ्ले दिनों मुनाक़िद हुवी जबकि 20 जुलाई को होने वाली मीटिंग बिज़नस के एतबार से पहली मीटिंग होगी जिसमें अक़लियती स्कीमात पर अमल आवरी का जायज़ा लिया जाएगा। अगर ये कमेटी अपने पहले मीटिंग के एजंडे में 12 फ़ीसद रिजर्वेशन की क़रारदाद को सर-ए-फ़हरिस्त रखती है तो इस से ना सिर्फ मुसलमानों में कमेटी की क़दर-ओ-मंजिलत में इज़ाफ़ा होगा बल्के तमाम अरकान की रिजर्वेशन के हक़ में संजीदगी का भी इज़हार होगा। उमोर मुक़न्निना से मुताल्लिक़ माहिरीन का कहना है कि एवान की कमेटी को किसी भी मुताल्लिक़ा मसले पर हुकूमत को सिफ़ारिशात पेश करने का इख़तियार हासिल है और एवान की कमेटीयों के क़ियाम का मक़सद ही यही होता है कि वो उन के मुफ़व्विज़ा उमोर की अंजाम दही की निगरानी करें।
हुकूमत ने अक़लियती बहबूद से मुताल्लिक़ जो एलानात किए और जिन स्कीमात का आग़ाज़ क्या वो इस कमेटी के दायरा कार में आते हैं लिहाज़ा अक़लियती बहबूद कमेटी को 12फ़ीसद मुस्लिम रिजर्वेशन पर क़रारदाद की मंज़ूरी में कोई क़बाहत नहीं होनी चाहीए। अगर ये कमेटी रिजर्वेशन के हक़ में क़रारदाद मंज़ूर करती है तो यक़ीनी तौर पर ये साबिक़ा कमेटीयों के मुक़ाबला ना सिर्फ एक रिकार्ड होगा बल्के एक सेहत मंद रिवायत का आग़ाज़ हो सकता है।