हैदराबाद 20 अगस्त: निज़ामबाद कीटीआर एस रुकन लोक सभ कवीता ने अपने इस यक़ीन का इज़हार किया कि मर्कज़ी हुकूमत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की असेंबली नशिस्तों की तादाद में इज़ाफे को मंज़ूरी दे देगी और इस इक़दाम के लिए दस्तूर में नहीं बल्के सिर्फ़ 2014 के आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद क़ानून में तरमीम की ज़रूरत होगी।
मर्कज़ी मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला हंसराज अहीर ने पिछ्ले पारलीमानी मीटिंग में कहा था कि (नशिस्तों की तादाद में इज़ाफे की) एसा कोई तजवीज़ मर्कज़ के ज़ेरेग़ौर नहीं और ये भी कहा था कि वज़ारत क़ानून की तरफ़ से इस ज़िमन में राय की तलब पर अटार्नी जनरल ने नफ़ी में जवाब दिया था।
कवीता ने कहा कि वज़ीर मौसूफ़ ने इब्तेदा में ये समझा था कि ग़ालिबन दस्तूर में तरमीम दरकार होगी लेकिन हमने उन्हें वज़ाहत के साथ बयान किया कि इस के लिए महिज़ तंज़ीम जदीद क़ानून में तरमीम दरकार है जो लोक सभा में बीजेपी को हासिल भारी अक्सरीयत के पेशे नज़र निहायत आसान अमल हो सकता है।
तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर चंद्रशेखर राव की दुख़तर कवीता ने मज़ीद कहा कि हम चाहते हैं कि तेलंगाना असेंबली की नशिस्तों में इज़ाफ़ा किया जाये। हम अपने अज़ला और रेवेंन्यू डीवीझ़नों की तंज़ीम जदीद कर रहे हैं। मैं समझती हूँ कि बुनियादी तौर पर इंतेज़ामी मक़ासिद के लिए ये तंज़ीम जदीद की जानी चाहीए। आंध्र प्रदेश को ख़ुसूसी पैकेज से मुताल्लिक़ एक सवाल पर कवीता ने जवाब दिया कि मुझे आंध्र से तक़ाबुल करने की क्या ज़रूरत है?।