अस्मत रेज़ि के मुर्तक़िब साबिक़ सदर इसराईल जेल पहूंच गए

यरूशलम 8 दिसमबर (ए पी) इसराईल के साबिक़ सदर मोशे कातसाओफ़ को आज एक आम जेल में भेज दिया गया जहां वो अस्मत रेज़ि के मुर्तक़िब पाए जाने के बाद दी गई 7 साल की सज़ाए क़ैद मुकम्मल करेंगे। कातसाओफ़ ने जेल जाने से क़बल इसराईली हुकूमत पर एक बेक़सूर शख़्स को जेल भेजने का इल्ज़ाम आइद किया। इसराईल की तारीख़ में ये भी एक अहम तारीख़ी वाक़िया है कि सदारत जैसे जलील-उल-क़दर ओहदा पर फ़ाइज़ रहने वाले किसी शख़्स को अस्मत रेज़ि जैसे घिनौने जुर्म के तहत सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। इस के साथ ही ये एक एज़ाज़ भी है कि इसराईल ने इस बात को अमली तौर पर साबित किया है कि इस सरज़मीन के क़ानून में सदर भी तमाम आम लोगों के बराबर हैं।

66 कातसाओफ़ को गुज़श्ता डसमबर में अपनी साबिक़ मुलाज़िमा की अस्मत रेज़ि करने के जुर्म का मुर्तक़िब क़रार दिया गया था। जबकि वो का बीनी वज़ीर थी। 2002 ता 2007 उन के दौर-ए-सदारत के दौरान भी कातसाओफ़ पर दीगर दो ख़वातीन को जिन्सी तौर पर हरासाँ करने का इल्ज़ाम भी आइद किया गया था। साबिक़ सदर बार बार ख़ुद को बेक़सूरसाबित करते रहे हैं और इस वक़्त तक आज़ाद थे जब अदालत में इन की अपील प रसमाअत की जा रही थी। लेकिन गुज़श्ता माह सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जुर्म का मुर्तक़िब क़रार दिए जाने से मुताल्लिक़ फ़ैसले को जायज़ क़रार देते हुए जेल भेजने का हुक्म दिया था।

वसत इसराईल में वाक़्य मासी याहू जेल में दाख़िल होते हुए उन्हें आज टी वी चिया नलों पर दिखाया गया। वो इस मुल्क के पहले शख़्स हैं जो किसी जलील-उल-क़दर ओहदा से हटने के बाद सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। जेल को रवानगी से क़बल जुनूबी टाउन कुरियात मलाची में वाक़्य अपने घर से बाहर निकलते वक़्त कातसाओफ़ अमलन ब्रहम नज़र आरहे हैं। उन्हों ने सहाफ़ीयों को झिड़क दिया और कहाकि कभी ना कभी सच्चाई ज़रूर सामने आएगी।