अहमदाबाद: बीजेपी की रुकनियत की मुहिम के दौरान अहमदाबाद के मुस्लिम अक्सरियत वाले इलाके फतेहवाड़ी जुहापुरा से सबसे ज्यादा लोग पार्टी के साथ जुड़े हैं. यहां नए बने मेम्बरस की तादाद आसपास के मुस्लिम इलाकों के मुकाबले ज्यादा है. इसकी वजह डर है या फिर बेहतर सहूलियात की उम्मीद, यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता. ऐसा इसलिए, क्योंकि अहमबादाबद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन का कब्जा हटाओ मुहिम और बीजेपी की रुकनियत की मुहिम एकसाथ चल रहे थे.
जुहापुरा के फतेहवाड़ी एरिया में बीजेपी के कब्जे वाली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक महीने से कब्ज़ा हटाने की मुहिम चल रही है. इसके बाद से मुस्लिमों के बीजेपी जॉइन करने की तादाद में अचानक इजाफा हुआ है. मुहिम खत्म होने तक 8 हजार मुसलमानों ने बीजेपी की मेंबरशिप ली है, जिनमें से ज्यादातर ख्वातीन हैं. शहर के दूसरे मुस्लिम अक्सरियत वाले इलाकों में रुकनियत का आंकड़ा बमुश्किल 7 हजार तक पहुंचा है.
अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने फतेहवाड़ी में 7 गैरकानूनी इमारतों को ढहा दिया था और दिगर 120 को मार्च के आखिर में नोटिस जारी किया था. इसके बाद अप्रैल से अचानक मुस्लिमों के बीजेपी की रुकनियत लेने में तेजी आ गई.
इससे लग रहा है यह इस तोड़फोड़ मुहिम का ही नतीजा है. नवंबर 2014 से मार्च 2015 तक फतेहवाड़ी में 5 हजार लोगों ने बीजेपी जॉइन की थी. जैसे ही कब्जा हटाने की मुहिम शुरू हुई, तादाद बढ़कर 7 हजार हो गई. 30 अप्रैल तक यह 8000 पार कर गई.
बीजेपी अक्लियती सेल के रियासती सदर सूफी महबूब चिश्ती ने अहमदाबाद मिरर को बताया, ‘फतेहवाड़ी में बीजेपी को सबसे ज्यादा रुकन मिले हैं. बाकी जगह भी बड़ी तादाद में मुस्लिमों ने पार्टी जॉइन की है, मगर फतेहवाड़ी में लोगों का रेस्पॉन्स बहुत ही अच्छा है.’ मगर मुस्लिम फिर्के के कुछ रुकन कहते हैं कि मुस्लिमों को सपॉर्ट चाहिए, इसीलिए उन्होंने बीजेपी जॉइन की है.
दूसरी तरफ कुछ लोग मानते हैं कि इसके पीछे डर ही अहम वजह है. इन दोनों वजहों को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है.