अहमदाबाद: मुस्लिमों और दलितों में भरोसा कायम करने के लिए ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम चलाएगी पुलिस

अहमदाबाद: पीएम मोदी ने 2014 में ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के तर्ज पर जरिए लोगों से जुड़ने की पहल की थी जिसका बीजेपी को काफी फायदा भी मिला था. कुछ उसी तरह की पहल अब अहमदाबाद पुलिस करने वाली है. पुलिस का मानना है कि 2002 के दंगों के बाद अल्पसंख्यकों और पुलिस के बीच बने गैप को भरने के लिए ऐसी शुरुआत जरूरी है. इसके साथ ही पुलिस अपने इस कार्यक्रम के तहत दलितों को भी अपने विश्वास में लेने की कोशिश करेगी.

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नव भारत टाइम्स के अनुसार, जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस पीयूष पटेल ने बताया कि चाय पर चर्चा कार्यक्रम का उद्देश्य सभी समुदायों और जातियों के बीच पुलिस विभाग पर भरोसे को कायम करना है. उन्होंने बताया कि एक एनजीओ की मदद से शुरू हुई यह पहल एक महीने तक चलेगी. पुलिस इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिसकर्मी स्थानीय लोगों से मिलेंगे. कार्यक्रम का फोकस केवल जाति या समुदाय के लोग नहीं हैं. इस कार्यक्रम के जरिए महिलाओं के बीच जाकर उनकी समस्याओं को भी सुना जाएगा.
‘पैदल चर्चा’ नाम से एक हफ्ते पहले शुरू हुई इस पहल को चाय पर चर्चा नाम से भी जाना जा रहा है. इसके तहत पुलिसकर्मी पैदल चल कर मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में जा रहे हैं और ‘कटिंग चाय’ पीते हुए स्थानीय मुद्दों पर लोगों से बात कर रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस कार्यक्रम के जरिए लोगों में पुलिस को लेकर विश्वास जगेगा और वह उन पर भरोसा कर पाएंगे.