एक तीन मंज़िला इमारत का एक हिस्सा मुबय्यना तौर पर ज़ीरीं मंज़िल की तज़ईन-ओ-आराइश के काम के दौरान मुनहदिम हो गया। इसके मलबे से एक 65 साला बूढी ख़ातून के बिशमोल तीन अफ़राद को बचा लिया गया। बोदक देव इस्टेशन फ़ायर ऑफीसर एम पी मिस्त्री के बमूजब ये वाक़िया 11 बजे दिन पेश आया जबकि शहर के इलाक़ा रानपु मेंरूपल अपाटमंटस का एक हिस्सा मुनहदिम होगया। इस्टेशन फ़ायर ऑफीसर एम पी मिस्त्री ने कहा कि 65 साला ख़ातून को एक घंटा तवील जद्द-ओ-जहद के बाद मलबे से ज़िंदा बचाकर बरामद कर लिया गया।
आतिश फ़िरौ अमला के कारकुन इस मुक़ाम पर पहुंचने से पहले दो ख़वातीन को पहले ही बचा लिया गया था। उम्र रसीदा ख़ातून सियोल हॉस्पिटल में शरीक है। इमारत के इन्हिदाम के पसेपर्दा मिस्त्री के बमूजब तज़ईन-ओ-आराइश का काम है जो इमारत की ज़ीरीं मंज़िल पर जारी था।उन्होंने कहा कि हमारे ख़्याल में तज़ईन-ओ-आराइश का काम जो इमारत की ज़ीरीं मंज़िल पर किया जा रहा था , नाक़िस मीआर का था जिस की वजह से इमारत की बुनियाद मुतास्सिर होगई और इस के नतीजे में इमारत मुनहदिम होगई।