अहमद शुजा पाशा पाकिस्तानी न्यूक्लियर इदारा के इमकानी सरबराह

पाकिस्तान के ताक़तवर महकमा सुराग़ रसानी आई ऐस आई के सरबराह लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा इमकान है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर इदारा के सरबराह मुक़र्रर किए जाऐंगे। जिन के तहत मुल्क के न्यूक्लियर हथियारों का ज़ख़ीरा भी होगा। आइन्दा माह उन के मौजूदा ओहदे की मीयाद ख़तम हो रही है। अख़बारी इत्तिलाआत के के मोताबिक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा आई ऐस आई के सरबराह के ओहदे से 18 मार्च को सुबुकदोश हो जाऐंगे।

क्योंकि हुकूमत ने उन के ओहदे की मीयाद में एक और तौसीअ देने से इनकार करदिया है। ख़बर रसां टी वी चैनल डॉन ने सरकारी ज़राए के हवाले से इत्तिला दी है कि आई ऐस आई के मुतनाज़ा सरबराह 2010- में ही सुबकदोशी की उम्र को पहुंच चुके थे लेकिन उन्हें दो बार तौसीअ दी गई । इमकान है कि वो दिफ़ाई मंसूबों के शोबा के सरबराह मुक़र्रर किए जाऐंगे जो न्यूक्लियर हथियारों के ज़ख़ीरा पर कंट्रोल रखता है।

अहमद शुजाअ पाशाह 3 साल 6 माह आई ऐस आई के सबराह की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दे चुके हैं। अगर उन्हें दिफ़ाई मंसूबा शोबा का सरबराह मुक़र्रर किया जाय तो वो रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ख़ालिद क़दवाई के जांनशीन होंगे जो 10 साल से ज़्यादा पाकिस्तानी न्यूक्लियर असलहा के महकमा के सरबराह रह चुके हैं।