ठुकराये गये शरणार्थियों को वापस भेजने के लिए ऑस्ट्रिया ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया। देश का सत्ताधारी गठबंधन इसके लिए नया कानून बनाने पर सहमत हो गया है।
ऑस्ट्रिया के मध्यमार्गी गठबंधन में शरणार्थियों पर एक नये कानून के मसौदे पर सहमति हो गई है। इस कानून के बन जाने से अधिकारी ठुकराये गये ऐसे शरणार्थियों को मकान और खाने की सुविधा न देने का फैसला ले सकेंगे जो ऑस्ट्रिया छोड़ने से मना करते हैं।
इस कानून को संसद की अनुमति जरूरी होगी। यह मसौदा ऑस्ट्रिया में विदेशियों से जुड़े कानूनों में किये जा रहे सुधारों का हिस्सा है। इसमें अपनी पहचान के बारे में झूठ बोलने वाले शरणार्थियों पर जुर्माने या कैद का प्रावधान होगा।
ऑस्ट्रिया की सरकार उग्र दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी के प्रसार को रोकने के लिए नीतियों का एक पैकेज तैयार कर रही है। दिसंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में फ्रीडम पार्टी के उम्मीदवार को लगभग आधे मतदाताओं ने वोट दिया था।
देश के गृह मंत्री वोल्फगांग सोबोत्का ने कहा है कि ऐसे विदेशी जिनका शरण का आवेदन ठुकरा दिया गया है और जो वापस जाने को तैयार नहीं हैं, उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे।
“पहली बात ये कि यदि उन्हें यहां रहने का अधिकार नहीं होगा तो उन्हें सरकार से कुछ भी नहीं मिलेगा।” उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद कानून व्यवस्था को बहाल करना और ठुकराये गये शरणार्थियों को स्वेच्छा से जाने के लिए प्रोत्साहित करना है।