अक़लियतों और पसमानदा की हक़तल्फ़ी नाकाबिले बर्दाश्त

साहबगंज : झारखंड एसेम्बली के जरिये तशकील अक़लियत व पसमानदा कमेटी के कोंवेनर व पाकुड़ हल्का के मेम्बर आलमगीर आलम की कियादत में टीम ने साहबगंज जिला महकमा के जुमला शोबा जात के साथ मीटिंग करके अक़लियतों पसमानदा तबकों के ताल्लुक से फ्लाह मंसूबों का जायजा लिया जिसमें काफी नाराजगी बताई। ये नाशिस्त शाम 4:30 बजे शाम से 6 बजे तक चली। जिसमें आईटीडीएम डाइरेक्टर शाहिद अख्तर, जिला वेल्फेयर अफसर ललिता मींज, डीईओ के इलावा जियल के सभी अफ़सरान मौजूद थे। इस दरमियान आलमगीर आलम ने कहा की हमारी टीम को झारखंड हुकूमत ने भेजा है। काम में तेज़ी लाएँ। टीम के साथ जरमुंडी एमएलए ई बदिल ने मीडिया को बताया की जब मैं झारखड़ एसेम्बली का स्पीकर था तो 29 जिलों साहबगंज, पाकुड़ अक्लियती अकसरियत ज़िला के तौर पर मरकज़ी हुकूमत व रियासती हुकूमत के फेहरिस्त में नाम शुमार करवाया और उस जमाने से जीतने अक़लियत व पसमानदा के लिए फ्लाही मंसूबे थे सब के सब अधूरे पड़े हैं। उन अफसरान को चाहिए के इंसानियत के नाते सभी गरीब अक़लियत व पसमानदा तबके की फ्लाह करना चाहिए।
उन तबकों पर ज़माना क़दीम से अजियतें व हक़ तल्फ़ी होती आ रही है और आज भी हो रहा है जो अफसोसनाक है। मजीद बटाया की उन लीडरों और अफसरों को मालूम नहीं की एक छत के 4 खंबे में से 2 कमजोर तो छत किसी भी वक़्त गिर जायेगी। इस तरह हमारे हिंदुस्तान में खुशहाली है की बाइरून मुल्क में पैसों को छुपाने लगे हैं। कुछ को एक वक़्त की रोटी भी सुबह से मोयस्सर नहीं। इस से मुल्क की सलामती को खतरा है।