झारखंड तालिबे इल्म यूनियन ने रियासत के अक़लियतों की नज़र अंदाज़ का रिपोर्ट-कार्ड जारी किया। इसमें कहा गया है कि अक़लियतों की तरक़्क़ी से मुतल्लिक़ वजीरे आजम 15 नुकाती प्रोग्राम झारखंड के अलावा दीगर रियासतों में साल 2009 से ही लागू है। रियासत में अब तक यह लागू नहीं हुआ है। वहीं इनफ्रास्ट्रक्चर एंड गवर्नेस स्कीम के तहत रियासत को 339.79 करोड़ की रकम खर्च नहीं हुई है। अरबन इनफ्रास्ट्रर एंड गवर्नेस स्कीम फॉर स्मॉल एंड मीडियम टाउन के लिए मिले 8.05 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हुए हैं। रियासत के अक्लियती बोहबुद वज़ीर से बैन उल क़वामी अक्लियती हुकुक दिन, 18 दिसंबर को श्वेत खत जारी करने की मुताल्बा की गयी है।
अक्लियती कॉर्पोरेशन के तशकील के एक साल पूरा होने के बावजूद अब तक दो मेंबरों को तकर्रुरी नहीं किया गया। इससे रियासत छह सौ करोड़ रुपये की मर्कज़ी मदद से महरूम है। एमएसडीपी 11वीं पाँच साला मंसूबा के तहत आठ आइटीआइ मंजूर हुए, जिनमें छह की तामीर शुरू नहीं हुआ है। दो पॉलिटेक्निक की भी मंजूरी हैं, पर तामीर का काम शुरू नहीं हुआ।
एमएसडीपी 12वीं पाँच साला मंसूबा के तहत रियासत के 13 जिले और 48 ब्लॉक शामिल हैं, पर वैसे कई ब्लॉकों को शामिल नहीं किया गया है, जहां अक़लियतों की आबादी 25 फीसद और गाँव में 50 फीसद से ज़्यादा है। जिलावार मंसूबा बना कर नहीं भेजी गयी है। इससे 480 करोड़ रुपये की मर्कज़ी रकम से रियासत महरूम हो सकता है। पांच महीने पहले झारखंड वक्फ ट्रिब्यूनल का तशकील हुआ, पर वक्फ पीठासीन ओहदेदार को दफ्तर नहीं मिला है। एसपीक्यूइएम मंसूबा के तहत मदरसों में बहाल जदीद सबजेक्ट के असातिज़ा को ज़ाती महकमा अफसरों की लापरवाही से 24 महीनों से तंख्वाह नहीं मिला है। रियासत के अक़लियतों की तरक़्क़ी के ताईन हुकूमत संगीन नहीं है।
19 को जुटेंगे रियासत के मदरसा असातिज़ा
यूनियन के सदर एस अली ने कहा है कि 19 दिसंबर को पूरे रियासत के मदरसा असातिज़ा – मुलाज़िमीन दारुल हुकूमत में जुटेंगे। आठ जनवरी को इन मुद्दों पर रांची के डीसी के खिलाफ हल्ला बोल प्रोग्राम होगा। 30 जनवरी को वज़ीर हाजी हुसैन का घेराव किया जायेगा।