अक़िलियतों की बहबूद के लिए वज़ीर-ए-आज़म के 15 नकाती प्रोग्राम पर मुख़्तलिफ़ सतहों पर नज़र रखी जा रही है ताकि मोस्सर अमल आवरी यक़ीनी बनाई जाये।
वज़ीर-ए-अकिलियअती उमोर नजमा हेपतुल्ला ने राज्य सभा को बताया कि ये एक ज़रूरत से ज़्यादा वसीअ प्रोग्राम है जिस में कई स्कीमात का अहाता किया गया है और मुख़्तलिफ़ विज़ारतों-ओ-मह्कमाजात इस में सरगर्म हैं।
उन्होंने कहा कि इन स्कीमात और पेशरफ़त पर नज़र रखी जा रही है। मुक़र्ररा निशानों को पूरा करने में बाज़ ख़ामीयों की भी निशानदेही की गई है। एक और सवाल के जवाब में नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि मर्कज़ वक़्फ़ जायदादों पर नाजायज़ क़बज़े बर्ख़ास्त करने और वक़्फ़ बोर्ड के इलाक़ाई दफ़ातिर को मुस्तहकम बनाने पर ग़ौर कररहा है।
उन्हों ने कहा कि दीनी मदारिस से कामयाब होने वाले तलबा में तालीमी और तकनीकी सलाहियतों के फ़र्क़ को ख़त्म करने के लिए बुर्ज कोर्स की तजवीज़ है।