अक़िलीयतें अपने तबक़ाती सर्टिफिकेट की ख़ुद तसदीक़ की अहल

नई दिल्ली: अक़िलीयती तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले अवाम को सरकारी ओहदेदारों से सर्टिफिकेट हासिल करने की ज़रूरत नहीं होगी ताकि फ़लाही स्कीमों के फ़वाइद से इस्तिफ़ादा करसकें। हुकूमत ने वाज़िह कर दिया है कि ख़ुद उनकी तसदीक़ काफ़ी होगी। उस पस-ए-मंज़र में ये इत्तेला दी गई है कि अक़िलीयती सर्टिफिकेट लाज़िमी नहीं है इसके बगै़र भी फ़लाही स्कीमों के फ़वाइद से इस्तिफ़ादा किया जा सकता है जिन पर विज़ारत की जानिब से अमलावरी की जा रही है।

विज़ारत अक़िलीयती उमोर ने अपने हालिया मरासले में जो तमाम रियासतों को रवाना कर दिया गया है इस बात की इत्तेला दी। हुकूमत ने नोट करवाया है कि 6तबक़ात मुसलमान ईसाई सिख बुध मत के पीर व‌ पार्सी और जैन मत के पीरौ अक़िलीयती तबक़ात क़रार दिए गए हैं। जैन मत के पीरों को गुज़िशता साल जनवरी में अक़िलीयती तबक़ात में शामिल किया गया है।

अक़िलीयती सर्टिफिकेट की ज़रूरत बरख़ास्त करने का मक़सद हुकूमत के फ़ैसले की पाबंदी था जिस के मुताबिक़ ख़ुद तसदीक़ शूदा दस्तावेज़ात को तमाम सरकारी महिकमों और तालीमी इदारों में क़ुबूल किया जा रहा है। ये तबदीली उस वक़्त मंज़रे आम पर आई जब कि विज़ारत ने कई नुमाइंदगियों का जिन में अक़िलीयती तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद खासतौर पर जैन मत के पीर‌ शामिल थे पेशे नज़र रखते हुए फ़ैसला किया कि सर्टिफिकेट केलिए इसरार नहीं किया जाएगा बल्कि तमाम फ़लाही स्कीमों के फ़वाइद सर्टिफिकेट की अदमे मौजूदगी में भी अपने तबक़े के बारे में दरख़ास्त कुनुंदा के हलफ़नामे की बुनियाद पर उन्हें फ़राहम किए जाऐंगे।

जैन मत के पीरो ने खासतौर पर शिकायत की थी कि मुताल्लिक़ा रियासती हुकूमत के ओहदेदार तबक़ाती सर्टिफिकेट केलिए ज़ोर दे रहे हैं बसूरत-ए-दीगर उन्हें फ़लाही स्कीमों के फ़वाइद से महरूम किया जा रहा है। विज़ारत ने गुज़िशता साल फ़िर्कावाराना सर्टिफिकेट और इनकम सर्टिफिकेट के लज़ूम को माक़बल मैट्रिक और माबाद मैट्रिक तालीम के लिए बरख़ास्त कर दिया था और सिर्फ़ मेरिट । वसाइल की बुनियाद पर मख़सूस बिरादरीयों के तलबे केलिए वज़ाइफ़ मंज़ूर किए जा रहे थे। हुकूमत ने कहा कि तालिब-ए-इल्म की जानिब से तसदीक़ काफ़ी होगी उसे इस केलिए कोई सर्टिफिकेट दाख़िल करने की ज़रूरत नहीं।