नई दिल्ली, १९ दिसंबर (यू एन आई) अगर अफ़ज़ल गुरु को सूली पर लटकाया गया तो वादी कश्मीर में एक बार फिर बग़ावत की आग भड़क उठेगी। ये इंतिबाह जम्मू ऐंड कश्मीर डैमोक्रेटिक फ्रंट ने दिया है। यहां अपने एक ब्यान में फ़ोर्म के सदर पण्डित भूषण बज़्ज़ाज़ ने कहा कि वादी की सयासी एतबार से हस्सास नौईयत और इस की तारीख़ के पेशे नज़र ये बात बख़ूबी कही जा सकती है कि पार्लीमैंट हमला केस के मुल्ज़िम को अगर सूली पर लटकाया गया तो वादी में एक बार फिर बग़ावत की आग भड़क उठेगी। इस सिलसिले में उन्हों ने 1980 वाली दहाई के अख़ीर में जम्मू ऐंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जे के ईल एफ़) के बानी मक़बूल भट्ट की फांसी की मिसाल पेश की जिस के बाद से वादी के हालात बहुत ज़्यादा बिगड़ गए थी। पण्डित भूषण बज़ाज़ ने कहा कि कश्मीरीयों में तकलीफ़ और अलग थलग पड़ जाने का एहसास पाया जाता है ।
और इस तरह के फ़ैसले से हालात बिगड़ जाएंगी। उन्हों ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत कश्मीरीयों के साथ एतिमाद का पुल तामीर करने की बात करती है। इस के लिये अफ़ज़ल गुरु के फांसी के फ़ैसला पर नज़रसानी करनी चाहीये।