नई दिल्ली ३१ दिसम्बर: (आई ए एन एस) सदर बी जे पी नितिन गडकरी ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहाकि पार्लीमैंट में लोक पाल बिल पर हुकूमत को हुई शिकस्त की वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए अपने ओहदा से मुस्ताफ़ी हो जाना चाहीए। उन्हों ने लोक पाल बिल पर हुकूमत की शिकस्त को बद बख्ताना और पार्लीमैंट की तौहीन से ताबीर किया।
उन्हों ने हुकूमत पर राज्य सभा में लोक पाल बल पर वोटिंग से कतराने का इल्ज़ाम आइद किया। मिस्टर गडकरी के मुताबिक़ लोक सभा में दस्तूरी तरमीम बिल पर भी हुकूमत को शिकस्त हुई जबकि राज्य सभा में वोटिंग से इस तरह दूर भाग गया जैसे वो कोई हवा हो।
यू पी ए हुकूमत को दोनों ऐवानों में शिकस्त हुई और अब उसे इक़तिदार से चिमटे रहने का कोई अख़लाक़ी हक़ नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म भी अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए अपना इस्तीफा पेश कर दें। मिस्टर गदकरी के मुताबिक़ हुकूमत लोक पाल बिल को मंज़ूर करने में सनहीदा ही नहीं थी और मंसूबा बंदी कुछ इस तरीक़ा से की गई कि बिल पर वोटिंग की नौबत ही ना आई।
सब से ज़्यादा बदबख़ती की बात ये है कि पार्लीमैंट में सब कुछ वज़ीर-ए-आज़म की नज़रों के सामने होता रहा और वो ख़ामोश रही। हुकूमत ने पार्लीमैंट का मुज़हका उड़ाने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी। उन्हों ने मज़ीद कहाकि बी जे पी की कोर कमेटी जुमा के रोज़ 5 बजे एक इजलास मुनाक़िद करेगी ताकि पार्टी के मुस्तक़बिल की हिक्मत-ए-अमली तैयार की जा सके।
उन्हों ने कहाकि पार्टी जल्द ही यू पी ए हुकूमत के ख़िलाफ़ मुल्क गीर एहतिजाज करते हुए एक मुस्तहकम लोक पाल बिल पेश किए जाने का मुतालिबा करेगी। याद रहे कि गुज़श्ता कुछ अर्सा से अन्ना हज़ारे, टीम अन्ना और लोक पाल बिल मुल्क के हर ख़ास-ओ-आम की ज़बान पर है।