काबुल, 04 अप्रेल: तालिबान इंतिहा-ए-पसंदों ने आज अफ़्ग़ानिस्तान की अदालत में घुस कर ज़ोरदार धमाका किया जिस के नतीजे में 53 अफ़राद हलाक होगए। सुबाई गवर्नर अकरम अख़पीवाक ने बताया कि क़ानूनी चाराजोई का सामना कररहे बागिंयों को आज़ाद कराने के मक़सद से ये हमला किया गया था। लेकिन ये वाज़िह नहीं होसका कि मुल्ज़िमीन फ़रार होने में कामयाब रहे या नहीं।
जारिया साल के दौरान ये अब तक का ख़तरनाक हमला तसव्वुर किया जा रहा है। ओहदेदारों ने बताया कि सूबा फ़रह में किए गए इस हमले में महलोकीन में 34 आम शहरी, 10 सेक्यूरिटी फोर्सेस और 9 हमला आवर शामिल हैं। दिसम्बर 2011 में काबुल में किए गए हमले में 80 अफ़राद हलाक हुए थे जिस के बाद ये दूसरा बदतरीन हमला है जिस में 53 अफ़राद हलाक हुए हैं।
गवर्नर ने बतायाकि तालिबान के एक ग्रुप को क़ानूनी चाराजोई के लिए अदालत में पेश किया गया था। लेकिन उन्होंने मज़ीद तफ़सीलात का इन्किशाफ़ नहीं किया। इस दौरान तालिबान ने अपनी वैब साईट पर कहा कि हमारे साथियों ने फ़रह में कई सरकारी इमारतों पर हमला कर दिया है। उन्होंने इस हमले की ज़िम्मेदारी भी क़ुबूल की है।