अफ़्ग़ानिस्तान में अलक़ायदा की वापसी नामुमकिन

सदर हामिद करज़ई ने इस इमकान को मुस्तरद कर दिया है कि अफ़्ग़ानिस्तान में अलक़ायदा से मुंसलिक गिरोह दोबारा ताक़तवर हो सकते हैं। काबुल में बी बी सी की नामा निगार लीज़ डोसिट से बात करते हुए सदर करज़ई का कहना था कि जो कुछ ईराक़ में हो रहा है, वो अफ़्ग़ानिस्तान में कभी नहीं हो सकेगा। उन्हों ने कहा कि अफ़्ग़ानिस्तान में अलक़ायदा मौजूद नहीं है।

अफ़्ग़ानिस्तान से इस साल के आख़िर में नैटो अफ़्वाज तख़लिया कर रही हैं और कुछ माहिरीन की राय है कि मुल्क में इस्लामी शिद्दत पसंदी के हवाले से ईराक़ जैसी सूरते हाल पैदा हो सकती है।

ताहम सदर अफ़्ग़ानिस्तान ने कहा कि 9/11 के बाद सदर बुश की दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ जंग अफ़्ग़ान घरों और देहातों में नहीं लड़ी जानी चाहिए थी।