मज़ारशरीफ़। शुमाली अफ़्ग़ानिस्तान में दोहरे भुकंप के सबब कई घर तबाह होगए हैं और मददगार टीमें इन 70 देहातियों को बचाने की कोशिशों में लगी हैं जो समझा जाता हैकि मलबे में फंस गए हैं।
ओफिसरों ने कहा कि हिंदूकुश पहाड़ीयों में घीरे सूबा बग़लान का ज़िला बोरकि पर भुकंप का बहुत बडा असर हुआ है, जहां से अभि तक कम से कम लाशें बरामद करली गई हैं।
आसमानी आफतों और हंगामी हालात से निमटने वाली ख़ुसूसी(विशेष) टीम के मुक़ामी प्रमुख मुहम्मद नासिर कोहज़ाद ने कहा कि हम ज़मीन पर ठहरे हैं। तमाम घर तबाह होगए। 22 ख़ानदान जिन में 50 से 70 लोग हैं, समझा जाता हैकि मलबे में फंस गए हैं। उन्हों ने कहा कि राजधानी काबुल से ज़िला मज़ार शरीफ़ के बहुत जयादा असर वालें गांव मिला जान को और मददगार टीमें रवाना करदी गई हैं।
अभितक 6 लोगों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया है जो बहुत जयादा ज़ख़मी होगए हैं।
सोमवार को सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर पहला और इस के 25 मिनट बाद दूसरा झटका हुआ था। इन की तैजी 5.4 और 5.7 रेकोर्ड की गई। दोनों कि इबतेदा फ़ैज़ाबाद के जुनूब मग़रिब से 160 किलो मीटर दुर थि।
इन भुकंपों के सबब काबुल की कई इमारतें भी दहल गईं। शुमाली अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान खासकर हिंदूकुश पहाड़ी आम तौर पर भुकंपों से मुतास्सिर हुआ करते हैं। वाज़िह रहे कि अक्टूबर 2005 के दौरान पाकिस्तान में 7.6 शिद्दत के क़ियामत ख़ेज़ ज़लज़ले में 74,000 हज़ार लोग हलाक और दुसरे 35 लाख लोग बेघर होगए थे।