तालिबान की धमकियों और तशद्दुद से डरे बिना अफगानिस्तान में लोगों ने हफ्ते के रोज़ सदारती इंतेखाबात के दूसरे मरहले में वोट डाले। यह इंतेखाबात ऐसे वक्त में हुआ है जब मुल्क में तकरीबन 13 साल तक चले जंग के बाद ज़्यादतर बैरूनी फौजी अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इलेक्शन आफीसर्स ने 52 फीसद से ज्यादा रायदही की बात कही है।
वोटिंग के दौरान मुल्क के मुख्तलिफ हिस्सों में हुई तशद्दुद के वाकियात में तकरीबन पचास लोगों की मौत हुई है। तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे के पास दो रॉकेटों से धमाके की जिम्मेदारी ली है। लेकिन इसमें किसी की मौत नहीं हुई।
हफ्ते के रोज़ फैसलाकुन मरहले की रायदही से यह तय होगा कि पूसाबिक वज़ीर ए दाखिला अब्दुल्ला-अब्दुल्ला और आलमी बैंक के साबिक Economist अशरफ घानी में कौन अफगानिस्तान की कियादत करेगा।
पांच अप्रैल को हुए पहले मरहले के इलेक्शन में हिस्सा लेने वाले आठ उम्मीदवारों में किसी को भी 50 फीसद से ज़्यादा वोट नहीं मिले थे। इसी वजह से हफ्ते के रोज़ दूसरे मरहले की वोटिंग हुई । अप्रैल के इलेक्शन में अब्दुल्ला को 45 फीसद और घानी को 31.6 फीसद वोट मिले थे।
इस इंतेखाबात का इब्तेदायी नतीजा दो जुलाई को और आखिरी नतीजा 22 जुलाई को ऐलान किया जाएगा।