अफ़्ग़ान अमरीका मिलिट्री मुआहिदा पर दस्तख़त

अफ़्ग़ानिस्तान और अमरीका ने आज इस मुआमलत पर दस्तख़त कर दिए जो बाअज़ अमरीकी दस्तों की आइन्दा साल भी इस मुल्क में बरक़रारी की राह हमवार करेगी, जिस से इशारा मिलता है कि नए सदर अशर्फ़ ग़नी वाशिंगटन के साथ कशीदा रवाबित में तरमीम लाने का इरादा रखते हैं।

हामिद करज़ई जो कल सदर की हैसियत से सुबुकदोश हो गए, उन्हों ने इस मुआमलत पर दस्तख़त करने से इनकार करते हुए अटल मौक़िफ़ अख़्तियार कर रखा था जो 2001 की पुरउम्मीदी वाले माहौल के बाद अफ़्ग़ान – अमरीका ताल्लुक़ात में दराड़ का अक्कास हुआ। 2001 में तालिबान को इक़्तेदार से माज़ूल करने के बाद करज़ई ने हुकूमत की बागडोर सँभाली थी।

अफ़्ग़ान क़ौमी सलामती मुशीर हनीफ अतमार और अमरीकी सफ़ीर जेम्स कनंगहम ने काबुल के सदारती महल में मुनाक़िदा तक़रीब में इस दस्तावेज़ पर दस्तख़त किए जबकि ग़नी इन दोनों के पीछे खड़े मुआइना कर रहे थे।

ग़नी के सीनियर मददगार दाउद सुल्तान ज़ई ने तक़रीब से क़ब्ल न्यूज़ एजेंसी ए एफ पी को बताया कि इस दस्तख़त से ये पयाम अयाँ हो रहा है कि सदर ग़नी अपने वादों की तकमील करते हैं। जर्मनी, इटली और दीगर नैटो अरकान के दस्ते 9,800 अमरीकी सिपाहियों की फ़ोर्स में शामिल हो जाएंगे जिस से जुमला तादाद तकरीबन 12,500 हो जाएगी।