काबुल
तालिबान जंगजू अफ़्ग़ान फ़ौज की चौकीयों पर शुमाल मशरिक़ी अफ़ग़ानिस्तान में टूट पड़े और कम अज़ कम 18अफ़राद को हलाक कर दिया। इन में से चंद फ़ौजीयों का सरकलम कर दिया गया।
बड़े पैमाने पर हमले का आग़ाज़ मुल्क में मौसम-ए-गर्मा और जंग का मौसम शुरू होते ही किया गया है। ये हमला मौसम-ए-गर्मा की पहली संगीन जंग है।
अफ़्ग़ान फ़ौज अब अपने बलबूते पर हमलों का मुक़ाबला कररही है। अमरीका और नाटो अपनी जंगी मुहिम जारीया साल के अवाइल में ख़त्म करचुके हैं। बदख़शाँ के ज़िला जुर्म में किया ये हमला जुमा का दिन हुआ था हालाँकि ओहदेदारों ने उसकी तफ़सीलात कई दिन बाद जारी की और वाक़िये की तहक़ीक़ात का आग़ाज़ कर दिया है।